खेती-किसानी में नई तकनीकें आने के बाद अब विदेशी फसलों की भी खेती होने लगी है.
चेरी टमाटर की खेती किसानों के बीच बेहद मशहूर हो रही है. चेरी टमाटर की कई किस्में होती हैं, इनमें काली चेरी ,चेरी रोमा, टोमेटो टो, कर्रेंट और येलो पियर प्रमुख हैं.
चेरी टमाटर की बुवाई बीजों के माध्यम से होती है. इसे आप अपने नजदीक के किसी नर्सरी या बीज की दुकान से खरीद सकते हैं.
घर में मौजूद किसी भी मिट्टी के बर्तन को चेरी उगाने के लिए गमले के तौर पर उपयोग कर सकते हैं.
बीज को मिट्टी के ऊपरी परत के नीचे ही बोएं. इसमें खाद के लिए गाय के गोबर की इस्तेमाल करें.
चेरी टमाटर के बीज बोने के बाद मिट्टी में 1 से 2 मग पानी डाल दें. गर्मी के समय में इसे थोड़ा ज्यादा पानी की जरुरत होती है.
इसके पौधे में फंगल इंफेक्शन के लगने का खतरा ज्यादा होता है.
इससे बचने के लिए आप मिट्टी में कॉपर ऑक्सीक्लोराइड के घोल का छिड़काव महीने में एक से दो बार कर सकते हैं.
चेरी टमाटर की खेती आप हाइड्रोपोनिक फार्मिंग तकनीक के जरिए भी कर सकते हैं.
चेरी की बुवाई के 2 से 3 महीने में इसका पौधा फल देने को तैयार हो जाता है.
चेरी टमाटर कब्ज से राहत दिलाने में बेहद काम आता है. इसके अलावा यह कैंसर की कोशिकाओं को भी मारने में काम आता है.
यही वजह है कि चेरी टमाटर की मार्केट में डिमांड तेजी से बढ़ी है.