23 October 2024
BY: Ashwin Satyadev
टाटा ग्रुप ने भारतीय उद्योग जगत को जो उंचाईयां दी हैं उसकी कोई तुलना नहीं की जा सकती है.
नमक के स्वाद से लेकर हवाई जहाज तक का सफर कराने वाला टाटा केवल एक ब्रांड नहीं बल्कि विश्वसनीयता की पहचान बन चुका है.
70 साल पहले आज ही के दिन टाटा ग्रुप ने भारतीय ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में एक और माइलस्टोन स्थापित किया था.
साल 1954 में टाटा मोटर्स ने दुनिया के सामने पहला मेड-इन-इंडिया हैवी-ड्यूटी ट्रक लॉन्च किया था. इस ट्रक के लॉन्च होते ही ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री को एक नई राह दिखने लगी थी.
इस ट्रक को टाटा ने उस वक्त की मशहूर जर्मन कंपनी डेमलर बेंज (Daimler Benz) के साथ टेक्निकल कोलाबरेशन कर तैयार किया था.
टाटा की तरफ से पेश किए जाने वाले इस ट्रक का नाम 'TMB 312' था. जो अपने हैवी-ड्यूटी और पावरफुल परफॉर्मेंस के लिए जाना जाता था.
आजादी के महज 7 साल बाद एक देशी कंपनी ने वो कर दिखाया था, जिसकी नींव पर आज इंडियन कमर्शियल व्हीकल इंडस्ट्री खड़ी है.
टाटा मोटर्स आज देश की सबसे बड़ी ट्रक और बस निर्माता कंपनी बन चुकी है. कंपनी के पोर्टफोलियो में एक से बढ़कर एक कई नए मॉडल शामिल हैं.
साल 1969 में टेल्को ब्रांड ने टाटा ग्रुप के अन्तर्गत अपने सफर की शुरुआत की. इसके बाद टेल्को ने 1986 में लाइट कमर्शियल व्हीकल Tata 407 को लॉन्च किया.
इसके बाद साल 1991 में टाटा ने अपने पहले पैसेंजर व्हीकल के तौर पर Tata Sierra को दुनिया के सामने पेश किया. कारों की दुनिया में उतरने की टाटा की ये शुरुआत थी.
साल 1998 में रतन टाटा ने भारत की पहली इंडिजिनियस कार Tata Indica को लॉन्च किया. जिसने कंपनी को कार निर्माता के तौर पर अलग पहचान दी.