जानें Bharat NCAP की 10 ख़ास बातें
BY: Aaj Tak Auto
Bharat NCAP देश का पहला व्हीकल क्रैश टेस्टिंग प्रोग्राम है, जिसे केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने लॉन्च किया है.
Bharat NCAP को अक्टूबर 2023 से लागू किया जाएगा, इसके तहत कार निर्माता स्वेच्छा से ऑटोमोटिव उद्योग मानक (AIS) 197 के अनुसार परीक्षण किए गए अपने वाहनों को पेश करेंगे.
ग्लोबल NCAP के ही तरह इसमें भी वाहनों को 0 से 5 के बीच स्टार रेटिंग दी जाएगी, जो कि व्यस्क यात्रियों (AOP) और चाइल्ड पैसेंजर (COP) के सेफ्टी पर बेस्ड होगा.
ग्राहक विभिन्न वाहनों के सुरक्षा मानकों की तुलना इन स्टार रेटिंग के आधार पर कर सकेंगे और अपने लिए ज्यादा सुरक्षित वाहन का विकल्प चुन सकेंगे.
Bharat NCAP के अस्तित्व में आने के बाद विश्व स्तर की एजेंसी ग्लोबल NCAP ने दिसंबर से भारतीय कारों की क्रैश टेस्टिंग न करने का फैसला किया है.
विदेश में व्हीकल क्रैश टेस्ट की लागत 2.5 करोड़ रुपये प्रति वाहन है और भारत NCAP के तहत इसे महज 60 लाख रुपये में किया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, "इस प्रोग्राम के लॉन्च से पहले ही 30 कारों के टेस्टिंग की रिक्वेस्ट मिल चुकी है. इससे लोगों की सेफ्टी को और भी बेहतर किया जाएगा."
ग्लोबल NCAP के कार्यकारी निदेशक डेविड वार्ड ने कहा था कि पिछले दशक में, ऑटोमोटिव सेफ्टी सिस्टम को शुरू करने के मामले में भारत G20 देशों में सबसे बेहतर है.
ग्लोबल NCAP ने सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर रोड ट्रांसपोर्ट (CIRT) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया है, जो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के तकनीकी सचिवालय के रूप में कार्य करता है.
यह प्रोग्राम देश में निर्मित या आयातित 3.5 टन से कम वजन वाले 'M1' श्रेणी के वाहनों पर लागू होगा. M1 श्रेणी में वाहन आते हैं, जिसमें चालक की सीट के अलावा 8 सीटें होती हैं.