21 May 2024
BY: Aaj Tak Auto
किसी भी कार के सही ढंग से चलने में इंजन ऑयल की अहम भूमिका होती है. इसी ल्यूब्रिकेंट के ही चलते इंजन के भीतर के कंपोनेंट्स और पार्ट्स स्मूथली वर्क करते हैं और आपको कम्फर्टेबल राइड मिलती है.
लेकिन कई बार लोग इंजन ऑयल को लेकर लापरवाही करते हैं. आमतौर पर एक कार में इंजन ऑयल 10,000 किमी के बाद बदला जाता है. लेकिन यह ड्राइविंग स्टाइल और मेंटनेंस पर निर्भर करता है.
Credit: FreePIk
कई बार कार का इंजन ऑयल समय से पहले ही खत्म होने लगता है. जिसका सीधा असर कार के परफॉर्मेंस पर पड़ता है. घटता हुआ इंजन ऑयल कई तरह के संकेत देता है.
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इन संकेतों को सही समय पर पहचान लेना आपको बड़ी मुसीबत से बचा सकता है. वहीं थोड़ी सी लापरवाही कार के इंजन को सीज भी कर सकती है. देखें क्या है वो 3 संकेत-
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कार के इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर में इस लाइट के ऑन होने का मतलब है कि इंजन ऑयल की कमी है या रिप्लेसमेंट की जरूरत है. यदि ये लाइट दिखे तो तत्काल अपनी कार को सर्विस सेंटर लेकर जाएं.
हालांकि कूलेंट, रेडिएटर और वॉटर पंप कार के इंजन को ठंडा रखने का काम करते हैं लेकिन इंजन ऑयल भी अहम भूमिका निभाता है. यदि इंजन जरूरत से ज्यादा हीट हो रहा है तो एक बार इंजन ऑयल चेक कर लें.
कार के केबिन में ऑयल के जलने की गंध आना भी कम इंजन ऑयल का एक संकेत है. कई बार लीकेज के वजह से भी ये गंध आती है. ऐसा होने पर तत्काल इंजन ऑयल को चेक करें.