कहीं कार न बन जाए 'आग का गोला'! जानें इंजन क्यों और कैसे होता है 'ओवरहीट'

31 October 2023

BY: Ashwani Kumar

इंजन के ज्यादा गर्म या ओवरहीट होने के कई कारण होते हैं. आम तौर पर, कूलिंग सिस्टम की समस्या के कारण कारें ज़्यादा गरम हो जाती हैं जो इंजन कंपार्टमेंट से गर्मी को बाहर नहीं जाने देतीं. लेकिन आप इंजन को ओवरहीट होने से बचा सकते हैं. 

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कुछ मामले ऐसे भी देखे गए हैं जिसमें चलते हुए वाहनों में आग लग जाती है. यूं तो वाहन में आग लगने के कई कारण हो सकते हैं, मसलन, फ्यूल लीक, शॉर्ट सर्किट या बैटरी इत्यादि. 

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चलती कार में इंजन ओवरहीट होने की समस्या आम है, जिसे यदि समय रहते रोका न जाए तो आग लग सकती है. आज हम आपको कुछ उपायों के बारे में बताएंगे जिससे आप इंजन ओवरहीट होने से बचा सकते हैं. 

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इंजन कंपार्टमेंट में रबर होज़, गैसकेट और पानी के पंप जैसे कई ऐसे कंपोनेंट होते हैं जो कि समय के साथ पुराने होने पर टूटते या डैमेज होते रहते हैं. ऐसे में इनसे लीकेज की संभावना बढ़ जाती है. 

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इंजन क्यों होता है ओवरहीट

कंपोनेंट्स के अलावा कुछ और अन्य कारण भी हैं जिससे ओवरहीट का खतरा बढ़ जाता है. मसलन, भीषण गर्मी के दिनों में रुक-रुक कर चलने वाला ट्रैफिक, कूलिंग सिस्टम पर काफी प्रेशर डालते हैं. 

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कंपोनेंट्स

हालांकि आप कार के ड्राइविंग स्टाइल में जरूरी बदलाव कर या बेहतर मेंटनेंस से कार के ओवरहीट होने वाले खतरे से बच सकते हैं. इसके लिए आपको कुछ जरूरी बिंदुओं पर ध्यान देना होगा. 

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ड्राइविंग स्टाइल

फ्रंट बोनट या नीचे से धुआं निकलना. डैशबोर्ड कंसोल में तापमान बढ़ना. इंजन का टेंप्रेचर गेज "H" तक बढ़ जाना. कार से आने वाली जलने की गंध. कूलेंट के रिसाव से उठने वाली गंध. 

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इंजन ओवरहीट के संकेत

छोटा, बेसिक टूल किट तौलिया दस्तानें कूलेंट का 1 गैलन 

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साथ रखें यह टूल्स

यदि आपको लगे कि इंजन ओवरहीट हो रहा है तो सबसे पहले आप कार का हीटर ऑन करें. यह इंजन के कूलिंग सिस्टम पर लोड को कम करते हुए, इंजन की गर्मी को पैसेंजर कंपार्टमेंट में भेजता है. 

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हीटर चालू करें

यदि हीटर ऑन करने के बाद भी ओवरहीटिंग कम नहीं हो रही है कार का इग्निशन (इंजन) ऑफ करें. ये इंजन को ठंडा करने का सबसे सरल उपाय है. इंजन बंद करने से पहले कार को साइड में लगाएं.

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इंजन बंद करें

यदि मदद नहीं मिल रही है तो बाहर रहकर इंतजार करें. आमतौर पर इंजन को ठंडा होने में 15 से 20 मिनट लगता है. भूलकर भी कार का बोनट न खोलें, क्योंकि कूलेंट का तापमान 230 डिग्री तक जा सकता है. 

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इंतजार करें

इसकी सलाह तभी दी जाती है जब आपको मैकेनिकल जानकारी हो, बोनट खोलने से पहले दस्ताने पहनें, हुड खोलें, और रेडिएटर कैप को खोलकर धीरे-धीरे कूलेंट - आधा पानी, आधा एंटीफ्ऱीज़ को लिक्विड के फुल लाइन तक भरें. 

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कूलेंट का इस्तेमाल

कैप को बंद करने के तकरीबन 5 मिनट के बाद इंजन को ऑन करें. इस दौरान देखें कि, कार के स्पीडोमीटर के पास दी जाने वाली टेंप्रेचर सिग्नल लाइट बंद हुई या नहीं. यदि वार्निंग लाइट बंद हो चुकी है इसका अर्थ है कि आप आगे बढ़ सकते हैं.

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इंजन टेंप्रेचर

कूलेंट डाल देने भर से समाधान नहीं हो जाता है, ये महज एक टेम्परेरी उपाय है. इसलिए अपने वाहन को सर्विस स्टेशन लेकर जाएं और एक पेशेवर को आपकी कार के कूलेंट सिस्टम की जांच करने को कहें. 

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सर्विस स्टेशन

यहां पर ओवरहीटिंग से बचने के लिए जो टिप्स दिए गए हैं वो मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित हैं, इस मामले में मैकेनिक या अधिकृत सर्विस स्टेशन से सलाह लें.

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डिस्क्लेमर