3 July 2024
BY: Aaj Tak Auto
भारत में मानसूनी बारिश की शुरुआत हो चुकी है. ज्यादातर इलाकों में जमकर बारिश हो रही है. लेकिन जहां ये बारिश भीषण गर्मी से राहत दे रही है वहीं मुसीबत का कारण भी बन रही है.
कई जगहों पर भारी बारिश और जल-जमाव के चलते लोगों को वाहन चलाने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा. कहीं कार के भीतर पानी घुस गया तो कहीं लोग पानी से भरे अंडरपास में दोपहिया दौड़ाने को मजबूर हुए.
ऐसी ही एक तस्वीर गुजरात के वडोदरा शहर से भी सामने आई है. जहां एक युवक पानी से भरे अंडरपास के नीचे से अपनी स्कूटर निकालते देखा जा रहा है.
Credit: flirty_jeet/IG
गौर करने वाली बात ये है कि, ये ओला का इलेक्ट्रिक स्कूटर है जो कि हेडलाइट पर पानी में डूबा हुआ है और युवक बड़े ही आसानी से इसे पानी में चला रहा है.
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पानी का स्तर इतना ज्यादा है कि, स्कूटर की केवल हेडलाइट दिख रही है. इसके अलावा स्कूटर का कोई भी हिस्सा विजिबल नहीं है.
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इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर शेयर किया गया है, जिसे अब तक 30 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. लेकिन इस तरह इलेक्ट्रिक स्कूटर को पानी में चलाना कितना सुरक्षित है?
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इलेक्ट्रिक वाहन में किसी अन्य पेट्रोल वाहन की तरह एग्जॉस्ट पाइप नहीं होता है. जिससे भारी जल-जमाव के बीच भी वाहन के बंद होने का जोखिम नहीं रहता है. लेकिन बावजूद इसके ऐसा करना सही नहीं माना जाता है.
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हालांकि कंपनियां वॉटर और डस्ट प्रूफ बैटरी का दावा करती हैं. लेकिन ये बैटरी और इलेक्ट्रिक मोटर पूरी तरह से वॉटर प्रूभ नहीं होते हैं. ख़ासतौर पर ऐसे कंडिशन में जहां पानी का स्तर इतना ज्यादा हो.
गहरे पानी में इलेक्ट्रिक स्कूटर को उतारना खतरनाक हो सकता है. इससे स्कूटर के बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम, इलेक्ट्रिकल पार्ट्स या मोटर में शॉर्ट सर्किट होने का भी खतरा है.
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ऐसी स्थिति में वाहन चलाना एक बड़ा खतरा है. क्योंकि सड़क बिल्कुल नहीं दिख रही है और आपको आगे के रास्ते के बारे में कुछ भी पता नहीं है.
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इस तरह की ड्राइविंग वाहन के वॉरंटी को भी प्रभावित कर सकती है. क्योंकि वाहन कंपनियां वॉटर डैमेज या इस तरह के लापरवाह ड्राइविंग के केस में वारंटी कवरेज प्रदान नहीं करती हैं.
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