12 August 2024
BY: Ashwin Satyadev
आमतौर पर कारों के लिए दो तरह के व्हील आते हैं, एक है स्टील-व्हील और दूसरा है अलॉय-व्हील. एंट्री लेवल कारों में ज्यादातर स्टील व्हील मिलते हैं, वहीं मिड-रेंज और टॉप वेरिएंट्स में स्टील-व्हील्स देखे जाते हैं.
आज-कल कारों में अलॉय व्हील का क्रेज ज्यादा बढ़ गया है. अलॉय व्हील आपकी कार के साइड प्रोफाइल और लुक को ज्यादा आकर्षक बनाते हैं.
हालांकि इन दोनों तरह के व्हील्स की मैन्युफैक्चरिंग में यूनिक फीचर्स और तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. इन दोनों तरह व्हील्स के अपने अलग-अलग फायदे और नुकसान भी होते हैं.
सबसे पहले बात करते हैं अलॉय व्हील्स की, Alloy Wheel न केवल कार को खूबसूरती प्रदान करते हैं बल्कि इसकी हैंडलिंग को भी बेहतर बनाते हैं.
दरअसल, अलॉय व्हील्स को कई अलग-अलग धातुओं के मिश्रण से तैयार किया जाता है, जिसमें एल्यूमीनियम और मैग्नीशियम प्रमुख हैं. ये इसे हल्का बनाते हुए मजबूती प्रदान करते हैं.
अलॉय व्हील्स वजन में स्टील व्हील्स के तुलना में हल्का होते हैं. जिससे एक्सेलरेशन और हैंडलिंग तो बेहतर होती है साथ ही माइलेज भी बेहतर होता है. हीट कम होने के कारण टायर लाइफ भी बढ़ती है.
अलॉय व्हील्स कार के साइड प्रोफाइल में चार चांद लगा देते हैं. इस समय बाजार में कई अलग-अलग डिज़ाइन के व्हील्स मौजूद हैं, जिसमें डायमंड कट, लेज़र कट और क्रोम प्लेटेड इत्यादि शामिल हैं.
अलॉय कार के राइड क्वालिटी को बेहतर बनाते हैं. क्योंकि स्टील व्हील पूरी तरह से सस्पेंशन पर निर्भर होते हैं वहीं अलॉय व्हील्स का हल्का होना इन्हें इस मामले में काफी मदद करते हैं.
अलॉय व्हील्स कोल स्प्रिंग को कम डेंसनेस प्रसारित करते हैं. इसके अलावा हैंडलिंग और स्टैबिलिटी को बनाए रखते हुए स्टीयरिंग और कॉर्नरिंग को भी बेहतर बनाते हैं.
अलॉय व्हील्स में जंग लगने का डर नहीं होता है. हालांकि ये बेनिफिट आपको बेहतर क्वॉलिटी वाले अलॉय में ही मिलेगी, और इनकी चमक लंबे समय तक बरकरार रहती है.
अलॉय व्हील्स किसी भी स्टील व्हील के मुकाबले ज्यादा महंगे होते हैं और इसका सीधा असर आपके जेब पर पड़ता है. कई बार अलॉय और स्टील व्हील की कीमत में 50% का अंतर देखने को मिलता है.
अलॉय व्हील्स भले ही देखने में खूबसूरत लगें लेकिन स्टील व्हील्स के मुकाबले ये उतने मजबूत नहीं होते हैं. कई बार इनके क्रैक होने का डर बना रहता है. अलॉय व्हील्स की मरम्मत भी महंगी होती है.
स्टील लोहे के अन्य रूपों की तुलना में मजबूत और फ्रैक्चर रेजिस्टेंट माना जाता है. यानी कि ये आसानी से टूटता नहीं है और यही गुणवत्ता स्टील व्हील्स मे भी देखने को मिलती है.
लोहे और कार्बन के मिश्रण से तैयार इस धातु में कई अन्य तत्व मौजूद या जोड़े जा सकते हैं. स्टेनलेस स्टील्स में आमतौर पर अतिरिक्त 11% क्रोमियम की मात्रा होती है.
स्टील व्हील्स किफायती होते हैं. इनका इस्तेमाल एंट्री लेवल और किफायती कारों में देखने को मिलता है. साधारण मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस और सस्ते मेटल के नाते इनकी कीमत कम होती है.
लोहे और कार्बन के मिश्रण से तैयार इस धातु में कई अन्य तत्व भी मौजूद होते हैं. अपने ट्फ क्वॉलिटी और हर तरह के रोड कंडिशन में दौड़ने की गुणवत्ता के चलते स्टील व्हील्स की लाइफ ज्यादा होती है.
इसकी रिपेयरिंग काफी आसान और किफायती होती है. अलॉय व्हील्स की तुलना में बिना शेप को डैमेज किए या व्हील्स को तोड़े इन्हें दुबारा ओरिजनल शेप में लाया जा सकता है.
स्टील व्हील्स वजन में हैवी होते हैं, जिसका असर परफॉर्मेंस और माइलेज दोनों पर देखने को मिलता है. हैवी होने के कारण शुरुआती एक्सेलरेशन और स्टीयरिंग पर भी इनका असर महसूस किया जा सकता है.
स्टील व्हील्स ऐसे धातु से बने होते हैं कि, इनमें जंग (Rust) लगने का डर ज्यादा होता है, खासकर नमी वाले इलाके में कार को ड्राइव करने या पार्क करने पर.
स्टील व्हील्स पारंपरिक डिज़ाइन के साथ ही आते हैं, जो कि कार को सिंपल लुक देते हैं. इसलिए आपको अपनी कार के साइड प्रोफाइल के लुक से समझौता करना पड़ता है.