30 October 2024
BY: Ashwin Satyadev
ज्यादातर लोग दिवाली के मौके पर नई कार खरीदने की योजना बनाते हैं. लेकिन नई कार खरीदते समय केवल उसके लुक-डिज़ाइन पर ही फोकस नहीं करना चाहिए.
लुक और डिज़ाइन से परे कारों सेफ्टी फीचर्स का होना भी बेहद जरूरी है. क्योंकि थोड़े समय (यात्रा करते वक्त) के लिए ही सही लेकिन कार आपके लिए एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है.
आज हम आपको 10 ऐसे सेफ्टी फीचर्स के बारे में बताएंगे जिनका आपकी कार में होना बेहद जरूरी है. देखें लिस्ट-
किसी भी कार में एयरबैग का होना बेहद जरूरी है. ये बहुत ही महत्वपूर्ण सेफ्टी फीचर है जो किसी भी आपात स्थिति में जीवन रक्षक साबित होता है. इसकी संख्या जितना ज्यादा हो उतना बढ़िया है.
एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम यानी ABS, ब्रेक लगाने के दौरान पहियों को लॉक होने से रोकता है, जिससे स्टीयरिंग पर कंट्रोल बना रहता है. गीली या फिसलन वाली सड़कों पर ये बहुत उपयोगी साबित होता है.
इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल यानी ESC गाड़ी को पलटने की स्थिति से बचाता है. यह ऑटोमेटिकली सभी पहिये पर बराबर ब्रेक अप्लाई करता है, जिससे स्किडिंग का जोखिम कम हो जाता है.
यदि कार चालक अचानक अपने लेन से बाहर चला जाता है तो ये फीचर उसे सचेत करता है. ये फीचर सड़क पर मार्किंग (चिन्हों) पर नजर रखने के लिए कैमरों का उपयोग करता है. यदि आप रास्ते से भटक जाते हैं तो चेतावनी देता है.
ट्रैक्शन कंट्रोल सिस्टम यानी TCS, पावर डिलीवरी को एडजस्ट करके एक्सेलरेशन के दौरान व्हील स्पिन को रोकता है. फिसलन भरी सड़कों ख़ासतौर पर बर्फ से भरी सड़कों के लिए बहुत उपयोगी है.
एडेप्टिव क्रूज कंट्रोल ऑटोमेटिकली कार की स्पीड को कंट्रोल कर के सामने वाले वाहन से एक सुरक्षित दूरी बनाए रखने में मदद करता है. यह विशेष रूप से रुक-रुक कर चलने वाले ट्रैफ़िक में उपयोगी है.
ऑटोमेटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग यानी AEB, संभावित टकरावों का पता लगाता है. यदि चालक समय पर ब्रेक अप्लाई करने यानी गाड़ी धीमी करने में विफल होता है तो ये ऑटोमेटिकली ब्रेक लगाता है.
टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम यानी TPMS, टायर का प्रेशर कम होने पर ड्राइवरों को अलर्ट करता है, जिससे टायर फटने से बचता है. साथ ही माइलेज और परफॉर्मेंस भी बेहतर होता है.
रियर-व्यू कैमरा आपकी कार को पीछे की तरफ मोड़ने या पार्क करने में मददगार साबित होता है. भीड़-भाड़ वाली पार्किंग में या तंग जगहों के लिए ये बेहद उपयोगी है.
यह सिस्टम ड्राइवरों को उनके ब्लाइंड स्पॉट में मौजूद वाहनों के बारे में सचेत करता है, जिससे लेन बदलने में आसानी होती है. सेंसर आस-पास की कारों का पता लगाते हैं और वॉर्निंग देते हैं.