ट्रक ड्राइवरों के लिए गडकरी का बड़ा ऐलान! गाड़ियों में मिलेगी ये ख़ास सुविधा

BY: Aaj Tak Auto

भारत में माल वाहक के तौर पर ट्रकों का इस्तेमाल खूब होता है, लेकिन लोगों के दैनिक जीवन में आसानी से सामान उपलब्ध कराने वाले इन ट्रकों के चालकों का जीवन काफी मुश्किलों भरा होता है. 

हर रोज ट्रक चालकों को घंटों यहां तक कि कई बार खराब रास्तों, मौसम या जाम के चलते कई दिनों तक एक ही जगह पर ठहरना पड़ता है, ऐसे में इनकी मुश्किलें और भी बढ़ जाती हैं. 

केंद्रीय सड़क परिवहन नितिन गडकरी ने अब घोषणा की है कि, 2025 से शुरू होने वाले सभी ट्रकों के लिए वातानुकूलित (AC) केबिन अनिवार्य होंगे. 

यह निर्णय उन ड्राइवरों के लिए राहत के रूप में आया है जो सड़क पर लंबे समय तक गर्म और असहज स्थिति में भी लगभग 11-12 घंटे बिताते हैं.

पाया गया है कि, विषम परिस्थितियों में काम करने की स्थिति और लगातार घंटों काम करने के कारण ड्राइवर थक जाते हैं, जिनके कारण दुर्घटना की संभावना भी बढ़ जाती है. 

वहीं वोल्वो और स्कैनिया जैसे प्रसिद्ध वैश्विक निर्माता पहले से ही अपने हाई एंड ट्रकों को एसी केबिन से लैस करते आ रहे हैं, इस मामले पर लंबे समय से विचार-विमर्श किया जा रहा है लेकिन अब तक भारतीय कंपनियां ये सुविधा नहीं दे रही हैं.

नितिन गडकरी ने एक ऑटोमोबाइल कंपनी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहा कि, "उन्होंने एक फाइल पर हस्ताक्षर किए है कि सभी ट्रकों में AC केबिन अनिवार्य होंगे." 

गडकरी ने कहा, "जिस दिन से मैंने मंत्री के रूप में पदभार संभाला है, उसी दिन से मैं ट्रक चालकों के केबिन में एयर कंडीशनर लगाना चाहता था, लेकिन इस योजना को लेकर कुछ आशंकाएं भी थीं क्योंकि लोग उच्च लागत की शिकायत कर रहे थे."

गडकरी ने ड्राइवरों के लिए बेहतर परिस्थितियों की आवश्यकता पर जोर दिया, जहां भारतीय ड्राइवर अक्सर 43 से 47 डिग्री सेल्सियस के बीच अत्यधिक तापमान को सहन करते हैं, जिससे उनके काम करने की स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो जाती है.

वहीं ट्रकों के केबिन में AC दिए जाने के मामले में इंडस्ट्री ने चिंता जताई थी कि, एयर कंडिशन के चलते ड्राइवरों को नींद आ सकती है जो कि दुर्घटना का प्रमुख कारण बन सकती है. 

लेकिन मंत्रालय ने इन दावों को खारिज कर दिया था. इंडस्ट्री के एक अनुमान के मुताबिक ट्रकों में एसी केबिन लगाने की लागत तकरीबन 10 से 20 हजार रुपये प्रति ट्रक होगी. 

ट्रक ड्राइवरों के लिए ये एक बेहतर कदम साबित होगा, हालांकि अभी यह देखना बाकी है कि वाहन निर्माता कंपनियों की इस पर क्या प्रतिक्रियाएं आती हैं.