भारतीय बाजार में अब एक और नई इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी एंट्री करने जा रही है. वियतनाम की इलेक्ट्रिक कार निर्माता विनफास्ट ऑटो (VinFast Auto) ने भारत में एंट्री का ऐलान किया है.
विनफास्ट ऑटो ने कहा कि, वह भारत और इंडोनेशिया में असेंबली यूनिट्स स्थापित करने के लिए 200 मिलियन अमरीकी डालर (लगभग 1,665 करोड़ रुपये) तक निवेश करने की योजना बना रही है.
Credit: VinFast
कंपनी की योजना है कि, साल 2026 तक इन असेंबली यूनिट्स में वाहनों का प्रोडक्शन शुरू किया जाएगा. बता दें कि, विनफास्ट, अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी Tesla की सबसे निकट्तम प्रतिद्वंदी कंपनी है.
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विनफास्ट भारत में कंपलीट नॉक डाउन (CKD) असेंबली यूनिट लगाने की योजना पर काम कर रहा है, जिसकी वार्षिक क्षमता 50,000 यूनिट्स सालाना होगी.
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विनफास्ट के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर डेविड मैन्सफील्ड ने कहा, "विनफास्ट पूरी तरह ट्रैक पर है और भारत जैसे बाजारों में विस्तार करने के लिए अच्छी स्थिति में है."
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मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि, विनफास्ट चेन्नई स्थित फोर्ड के पुराने प्लांट का अधिग्रहण कर सकती है. हालांकि अभी इसके बारे में कंपनी की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई है.
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वर्तमान में, टाटा, महिंद्रा और हुंडई जैसी कंपनियां भारत में इलेक्ट्रिक कारें बेच रही हैं. दूसरी ओर ओला इलेक्ट्रिक भी देश में इलेक्ट्रिक कारें बनाने की भी योजना पर काम कर रही है.
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अब विनफ़ास्ट के भारत में एंट्री के ऐलान के बाद टेस्ला की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. हाल ही में एलन मस्क की कंपनी टेस्ला ने भारत में इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण और बिक्री की घोषणा की थी.
टेस्ला ने भारत में एंट्री प्लान को तेजी से बढ़ाते हुए पुणे में अपने दफ्तर के लिए किराए पर जगह भी ले ली है. इसके अलावा टेस्ला के उच्च अधिकारी लगातार भारत सरकार के साथ संपर्क में हैं ताकि इंडिया एंट्री प्लान को आगे बढ़ाया जा सके.
बताया जा रहा है कि टेस्ला भारत में 20 लाख की कीमत वाली इलेक्ट्रिक कार बनाने की योजना पर काम कर रही है. हालांकि अभी इस योजना में बहुत कुछ सामने आना बाकी है.
विनफास्ट ऑटो की शुरुआत 2017 में विनग्रुप द्वारा की गई थी, जो वियतनाम के सबसे बड़े निजी समूहों में से एक है, जिसका स्वामित्व वियतनामी अरबपति फाम न्हाट वुओंग के पास है.