बचत एयरलाइंस Go-First का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा, कंपनी ने 12 मई तक सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है.
इस बीच विमानन नियामक (DGCA) ने एयलाइंस की टिकटों की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया हुआ है.
गो फर्स्ट के दिवालिया होने की कगार पर पहुंचने से बाधित हुई सेवाओं का सीधा असर हवाई यात्रियों पर भी दिखने लगा है.
दरअसल, Go First संकट दूसरी एयरलाइंस के लिए वरदान साबित हो रहा है और उन्होंने किराए में जोरदार इजाफा किया है.
दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-लेह, मुंबई-लखनऊ, दिल्ली-श्रीनर, दिल्ली पटना समेत अन्य रूट्स पर टिकट की कीमत में दोगुने का इजाफा दिख रहा है.
आमतौर पर दिल्ली से मुंबई का किराया 6000-7000 रुपये था, जो अब दोगुने के करीब पहुंच गया है. बीते सप्ताह तो इसमें और तेजी आई थी.
उन हवाई रूट्स पर किराए में सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है, जिन पर गो फर्स्ट के अधिक विमान उड़ानें भरा करते थे.
बता दें Go First एयरलाइंस की खराब हालत के लिए अमेरिकी कंपनी Pratt & Whitney बड़ी जिम्मेदार है.
एयरलाइंस को इंजन मुहैया कराने वाली इस फर्म ने सप्लाई बंद कर दी थी, जिससे गो-फर्स्ट के आधे से ज्यादा विमाम ग्राउंडेड हो गए.
इससे कंपनी के कैश फ्लो पर बेहद बुरा असर हुआ है और एयरलाइंस को अपनी सभी उड़ानें बंद करने का बड़ा फैसला लेना पड़ा.
इसके साथ ही गो-फर्स्ट ने NCLT में वॉलंटरी इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग के लिए आवेदन देकर इस पर जल्द निर्णय लेने की अपील की है.
Go First हर दिन 180-185 उड़ानें संचालित कर रही थी और इसके जरिए रोज लगभग 30,000 यात्रियों को यात्रा कराती थी. अब इन यात्रियों ने दूसरी एयरलाइंस का रुख कर लिया है.