आरबीआई (RBI) ने सर्कुलर जारी कर 2000 रुपये के नोट वापस लेने का ऐलान कर दिया है.
इसे नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद जारी किया गया था और करीब साढ़े छह साल के बाद बंद करने का फैसला किया गया है.
5000-1000 के नोट बंद होने के बाद 2000 के नोट आरबीआई एक्ट 1934 की धारा 24(1) के तहत जारी किए गए थे.
पहली नोटबंदी के बाजार और भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को कम करने के लिए ये नोट जारी हुए थे.
मार्च 2017 में करीब 89% दो हजार रुपये के नोट आरबीआई ने जारी किए थे, लेकिन 2018 में इनका सर्कुलेशन घट गया.
31 मार्च 2018 को कुल नोटों में 2000 के नोट की हिस्सेदारी 37.3% रह गई थी, जिससे इनकी छपाई बंद कर दी गई.
31 मार्च 2023 तो यह बाजार में 2000 के नोटों की हिस्सेदारी का आंकड़ा और घटकर 10.8% ही रह गया.
2000 के नोटों की छपाई बंद होने तक दूसरे मूल्य के बैंक नोट पर्याप्त मात्रा में बाजार में उपलब्ध हो गए थे.
RBI के मुताबिक, दो हजार रुपये के नोट अब आमतौर पर लेनदेन में बहुत ज्यादा इस्तेमाल में भी नहीं आ रहे थे.
यही कारण है कि आरबीआई की क्लीन नोट पॉलिसी के तहत इन नोटों को वापस लेने का यह फैसला लिया है.