इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट ने अपनी वेबसाइट पर नई सुविधा शुरू की है. यह नई सुविधा टैक्सपेयर्स को अपने पहले से दाखिल, लेकिन वेरीफाई नहीं की गई इनकम रिटर्न को खारिज करने की अनुमति देगी.
यह कदम विलंबित या संशोधित आईटीआर की क्षमता देता है, जो गलतियों या चूक से परे संशोधन के दायरे का विस्तार करती है.
अगर टैक्सपेयर्स इसे वेरीफाई नहीं करना चाहते हैं तो धारा 139(1)/139(4)/139(5) के तहत फाइन किए जा रहे ITR के लिए 'Discard' विकल्प का लाभ उठा सकते हैं.
अगर आईटीआर खारिज कर दिया जाता है और बाद में रिटर्न नियत तारीख के बाद दाखिल किया जाता है, तो यह विलंबित आईटीआर के तहत होगा.
डिस्कार्ड' विकल्प तक पहुंचने के लिए www.incometax.gov.in पर जा सकते हैं. इस विकल्प आईटीआर वेरीफाई करने से पहले चुनी जा सकती है.
जबतक आईटीआर स्टेटस वेरीफाई नहीं है तबतक यूजर्स डिस्कार्ड ऑप्शन का बार-बार उपयोग कर सकते हैं.
यह सुविधा AY24 से आगे के लिए उपलब्ध है और यह ऑप्शन केवल धारा 139(1)/139(4) /139(5) के तहत है.
एक बार जब आईटीआर खारिज कर दिया जाता है तो इसे बहाल नहीं किया जा सकता है.
सीबीडीटी ने कहा कि इस साल 31 अक्टूबर तक रिकॉर्ड 7.85 करोड़ से ज्यादा रिटर्न भरे गए.
किसी इंटरनेशनल या घरेलू ट्रांजेक्शन नहीं करने वाले टैक्सपेयर्स के लिए आईटीआर दाखिल करने की तारीख 31 अक्टूबर थी.