12 Jan 2025
By Business Team
L&T के चेयरमैन के 90 घंटे तक या रविवार को काम करने वाले बयान के बाद देश भर में लंबे कार्य घंटे की बहस छिड़ी हुई है.
कई अरबपति इसपर खुलकर बात कर रहे हैं. इस बीच एक और कारोबारी इस बहस में शामिल हो चुके हैं.
इस बीच HCL कंपनी के पूर्व CEO विनीत नायर ने कहा कि ध्यान इस बात पर नहीं होना चाहिए कि कोई व्यक्ति कितने घंटे काम करता है, बल्कि इस बात पर होना चाहिए कि वह कितनी पूरी तरह से जीता है.
नायर का नजरिया वर्क लाइफ बैलेंस के बारे में बढ़ती चिंताओं से मेल खाता है. लिंक्डइन पोस्ट में उन्होंने कहा कि असली सवाल यह नहीं है कि आप कितना काम करते हैं. यह है कि आप कितनी पूरी तरह से जीते हैं.
उन्होंने लंबे समय तक काम करने और व्यस्त शेड्यूल के महिमामंडन की आलोचना की और कहा कि इससे एनर्जी, रचनात्मकता और उद्देश्य खत्म हो जाती है.
उन्होंने कहा कि अगर आप चाहें तो अधिक काम करें. आप कर सकते हैं तो कम काम करें. संख्या मायने नहीं रखती. मायने यह रखता है कि क्या आप सही लाइफ जी पा रहे हैं.
कुछ दिन पहले सुब्रह्मण्यन ने अपने बयान में कहा था कि आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक देखेंगे?' इस बयान पर सोशल मीडिया पर तिखी आलोचना हुई.
महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा भी इस विवाद में शामिल हो गए हैं. उन्होंने कहा कि बहस काम किए गए घंटों की संख्या पर नहीं होनी चाहिए.
महिंद्रा ने कहा कि यह 40 घंटे, 70 घंटे या 90 घंटे की बात नहीं है. आप क्या आउटपुट दे रहे हैं? भले ही यह 10 घंटे का हो, आप 10 घंटे में दुनिया बदल सकते हैं.
वहीं पिछले महीने उद्योगपति गौतम अडानी ने वर्क लाइफ पर चर्चा में भाग लेते हुए सुझाव दिया कि वर्क लाइफ बैलेंस एक व्यक्तिगत पसंद होना चाहिए.