07 Jan 2025
By Business Team
महाराष्ट्र कैबिनेट ने घोषणा की है कि 1 अप्रैल, 2025 से राज्य के सभी वाहनों में FASTag होना अनिवार्य है.
FASTag एक छोटा RFID टैग है, जो ड्राइवर्स को टोल का पेमेंट अपने आप करने में मदद करता है. यह टैग वाहन की विंडस्क्रीन पर लगा होता है और ड्राइवर के बैंक खाते से जुड़ा होता है.
जब वाहन टोल प्लाजा से गुजरता है तो टोल टैक्स अपने आप लिंक किए गए अकाउंट से कट जाता है, इसलिए ड्राइवर को पेमेंट करने के लिए रुकने की जरूरत नहीं होती है.
एक बार जब किसी वाहन पर फास्टैग लगा दिया जाता है तो उसे दूसरे व्हीकल में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता. टैग को किसी भी बैंक से खरीदा जा सकता है जो राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (NETC) सिस्टम का हिस्सा है.
अगर फास्टैग प्रीपेड अकाउंट से जुड़ा हुआ है, तो डाइवर को बाकी राशि समाप्त होने पर खाते को रिचार्ज करना होगा.
अगर अकाउंट में बैलेंस कम है तो फास्टैग को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा और ड्राइवर टोल-फ्री सिस्टम का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा.
ऐसे में ड्राइवर को टोल प्लाजा पर कैश भुगतान करना होगा. NPCI ने टोल का भुगतान आसान बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए NETC कार्यक्रम शुरू किया कि FASTag प्रणाली पूरे देश में काम करे.
फास्टैग इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ड्राइवर किसी भी टोल प्लाजा पर अपने FASTag का उपयोग कर सकते हैं, चाहे वह किसी भी कंपनी द्वारा ऑपरेट हो.
फास्टैग सिस्टम से समय और ईंधन की बचत होती है क्योंकि वाहन को टोल बूथ पर रुकने की जरूरत नहीं होती.
इसके अलावा, यह यातायात के सुचारू रूव से बनाए रखने के साथ-साथ तेज और आसान टोल पेमेंट सॉल्यूशन भी प्रदान करता है.