Gautam Adani के नेतृत्व वाला अडानी ग्रुप इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है और लगातार घाटा झेल रहा है.
US रिसर्च फर्म Hindenburg की रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद अडानी ग्रुप को 117 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ है.
शेयरों में आई सुनामी ने गौतम अडानी को दुनिया के टॉप अमीरों की लिस्ट में चौथे नंबर से 22वें पायदान तक पहुंचा दिया है.
हिंडनबर्ग से हुए नुकसान के बीच अब अडानी ग्रुप आर-पार की लड़ाई के मूड में है और उसने बड़ा प्लान तैयार किया है.
एक ओर जहां हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए अडानी ग्रुप ने अमेरिका के महंगी लॉ फर्म Wachtell को हायर किया है.
वॉचटेल वही लॉ फर्म है, जिसने Elon Musk को 44 अरब डॉलर की ट्विटर डील पूरा करने के लिए मजबूर किया था.
बीते साल एलन मस्क के बार-बार कदम पीछे खींचने के बाद भी ट्विटर से 44 करोड़ की डील इसी लॉ फर्म ने पूरी कराई थी.
दूसरी ओर अडानी की रफ्तार पर ब्रेक लगने और भारी नुकसान के बीच ग्रुप ने अपने ग्रोथ रेवेन्यू अनुमान में कटौती का प्लान बनाया है.
अनुमान में कटौती के साथ ही अडानी ग्रुप का पूरा फोकस अब कर्ज चुकाने, गिरवी शेयरों को छुड़ाने और कैश बचाने पर है.
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, अगले वित्त वर्ष के लिए अडानी ग्रुप अपने रेवेन्यू ग्रोथ टारगेट को 40% से घटाकर 15-20% कर सकता है.
गौतम अडानी अब हिंडनबर्ग से इन्वेस्टर्स के टूटे भरोसे को वापस जीतने के लिए नई रणनीति के तहत आगे बढ़ रहे हैं.