प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले लोगों के मन ग्रेच्युटी से जुड़े कई तरह के सवाल चलते रहते हैं.
देश में सभी फैक्ट्रियों, खदानों, ऑयल फील्ड, बंदरगाहों और रेलवे पर पेमेंट एंड ग्रेच्युटी एक्ट लागू है.
किसी भी कंपनी में लगातार पांच साल काम करने वाले कर्मचारी ग्रेच्युटी के हकदार माने जाते हैं.
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लेकिन कुछ मामलों में पांच साल से कम की सर्विस पर भी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी मिल जाती है.
ग्रेच्युटी एक्ट (Gratuity Act) के सेक्शन-2A में ‘लगातार काम करने’ को साफ तौर पर परिभाषित किया गया है.
इसके अनुसार, पूरे पांच साल काम नहीं करने पर भी कई कर्मचारी ग्रेच्युटी बेनिफिट पाने के हकदार हो जाते हैं.
नियम के अनुसार, भूमिगत खदानों में काम करने वाले कर्मचारी अगर अपने एम्प्लॉयर के साथ लगातार चार साल 190 दिन काम कर लेते हैं, तो वो ग्रेच्युटी के पात्र हो जाते हैं.
वहीं, अन्य संगठनों में काम करने वाले कर्मचारी चार साल 240 दिन (यानी 4 साल 8 महीने) काम करने के बाद ग्रेच्युटी के लिए एलिजिबल होते हैं.
ग्रेच्युटी के रूप में मिलने वाली राशि टैक्स फ्री होती है. ये नियम पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर दोनों में काम करने वाले कर्मचारियों पर लगता है.