भारत में पैदा नहीं होती दाल-खिचड़ी में पड़ने वाली हींग.
अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान और ईरान से होता है इंपोर्ट.
विदेश से हर साल 1200 टन हींग आती है हिंदुस्तान.
कच्ची हींग की महक के चलते अंग्रेजों ने इसे कहा 'शैतान का गोबर'
एक जमाने में बकरे की खाल में पैक होकर आती थी हींग.
विदेश से आने वाली कच्ची हींग को भारत में किया जाता है प्रोसेस.
कच्ची हींग का खाने में नहीं किया जा सकता है इस्तेमाल, करना होता है प्रोसेस.
कच्ची हींग में मैदा और गोंद मिलाकर इसे खाने लायक बनाया जाता है.
हींग 600 से शुरू होकर 35 हजार रुपये किलो की कीमत तक में बिकती है.