15 Dec 2022 By: Aajtak Business

'मैं बचे हुए जोकरों में आखिरी...' क्यों बोले Infosys को-फाउंडर? 

आईटी सेक्टर की दिग्गज Infosys ने अपने चार दशक पूरे कर लिए हैं. 

Pic Credit: urf7i/instagram

एन आर नारायण मूर्ति ने पत्नी से 10,000 रुपये उधार लेकर इसे शुरु किया था. 

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1981 में नारयाण मूर्ति समेत 7 लोगों ने मिलकर इस कंपनी की शुरुआत की थी.

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बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलकेणि ने बड़ी बात कही.

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नंदन नीलकेणि ने मजाकिया अंदाज में कहा, 'मैं बचे हुए जोकरों में आखिरी हूं...'

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दरअसल, नए नेतृत्व के बारे में सवाल पूछे जाने पर नीलकेणि ने ये प्रतिक्रिया दी. 

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उन्होंने कहा कि मुझ पर लीडरशिप स्ट्रक्चर को स्थापित करने की जिम्मेदारी है. 

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मुझे अभी तक ऐसा व्यक्ति नहीं मिला है, जिसे मैं इस जिम्मेदारी को सौंप सकूं.'

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नीलेकणि ने कहा- जब भी मैं इससे बाहर निकलूंगा, एक गैर-संस्थापक व्यक्ति को कमान सौंपूंगा. 

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अगर यह काम नहीं करता है, तो Plan-B नहीं है, क्योंकि मैं 75 की उम्र में वापस नहीं आ सकता.

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इस मौके पर एन आर नारायण मूर्ति ने अपने दिए एक बयान पर अफसोस जताया. 

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उन्होंने कहा था,'किसी फाउंडर के परिवार का सदस्य कभी इंफोसिस में काम नहीं कर सकता.' 

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Narayan Murthy ने कहा, मैं गलत था..मैंने जो कहा, अब वापस लेता हूं.' 

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6,60,184.76 करोड़ रुपये MCap वाली इंफोसिस का कारोबार दुनियाभर में है. 

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