आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 3 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को मंजूरी दे दी है.
IMF की ओर से आई इस गुड न्यूज ने श्रीलंका की स्थिति में सुधार की उम्मीदों को बढ़ा दिया है. ये पैसे सरकार को 4 साल में दिए जाएंगे.
आईएमएफ बोर्ड ने इस पैकेज को मंजूर करते हुए कहा कि नया कर्ज देने का मकसद श्रीलंका की इकोनॉमी में स्थिरता को बहाल करना है.
इस मदद से संकटग्रस्त देश में गरीब और कमजोर तबके के लोगों को राहत मिलेगी और आर्थिक विकास की संभावनाएं मजबूत होंगी.
कोरोना महामारी, खत्म होते विदेशी मुद्रा भंडार समेत अन्य कारकों से बीते साल देश की हालत पस्त हो गई थी, जो अब तक नहीं सुधरी है.
चरम पर पहुंची महंगाई और जरूरी सामानों की किल्लत के चलते हालात ऐसे हो गए थे, कि लोग जन विद्रोह पर उतारू हो गए थे.
श्रीलंका में जनता के गुस्से की आग इस तरह भड़की थी कि तत्कालीन राष्ट्रपति राजपक्षे को अपना पद छोड़ देश से भागना पड़ा था.
एक ओर जहां श्रीलंका को आईएमएफ ने राहत दी है, तो वहीं पाकिस्तान के हालात हर बीतते दिन के साथ और बिगड़ते जा रहे हैं.
पाकिस्तान 1.1 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के लिए वैश्विक निकाय से गुहार लगा रहा है, लेकिन IMF मुंह फेरकर बैठा है.
आईएमएफ की बेरूखी से पाकिस्तान परेशान है. देश की सरकार लगातार महंगाई से त्रस्त आम जनता पर बोझ बढ़ाती जा रही है.
हालात इस कदर खराब हैं, कि पेट भरने के लिए लोग ट्रकों पर लगे आटे की बोरियां लूट रहे हैं और इसके लिए मरने-मारने को भी तैयार हैं.