भारत सरकार ने बीते दिनों चावल के निर्यात को लेकर बड़ा फैसला लिया और बासमती चावल को छोड़कर सभी तरह के कच्चे चावल के एक्सपोर्ट को बैन कर दिया.
इस बैन का बड़ा असर अमेरिकी बाजारों में देखने को मिल रहा है और यहां सुपरमार्केट में चावल खरीदने के लिए लोगों में होड़ सी मची है.
अमेरिका में लोग छुट्टियां लेकर चावल खरीदने के लिए लाइन में लग रहे हैं. स्टोर्ट के अंदर एक-एक आदमी 10-10 चावल के पैकेट खरीदता हुआ नजर आ रहा है.
नोमुरा के आंकड़े के अनुसार, ग्लोबल चावल एक्सपोर्ट में भारत की हिस्सेदारी 40 फीसदी है. इसलिए प्रतिबंध से वैश्विक चावल की कीमतों बढ़ सकती हैं.
भारत के चावल के निर्यात पर बैन लगाने से एशिया में फिलीपींस पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ने की आशंका है. कोई ये चावल के आयत पर निर्भर है.
इसके अलावा सिंगापुर, हांगकांग और मलेशिया भी अपनी चावल की अधिकांश जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर हैं.
भारत सरकार के इस फैसले का असर बांग्लादेश, नेपाल और कुछ अफ्रीकी देशों पर भी पड़ सकता है. हालांकि,थाइलैंड को लाभ हो सकता है क्योंकि वो चावल निर्यातक देश है.
देश से निर्यात होने वाले कुल चावल में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी करीब 25 फीसदी है. भारत सबसे ज्यादा गैर-बासमती सफेद चावल थाईलैंड, इटली, स्पेन, श्रीलंका और अमेरिका को निर्यात करता है.
सिर्फ 5 या 10 देशों में ही नहीं भारत दुनिया के 100 से अधिक देशों में चावल का निर्यात करता है. भारत 2012 से चावल का सबसे बड़ा निर्यातक रहा है.