इंफोसिस के संस्थापक और चेयरमैन नारायण मूर्ति ने अपनी पत्नी सुधा मूर्ति के साथ तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम पहुंचे.
नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) को मूर्तियों के स्नान के लिए एक सोने का शंख और एक सोने की कछुए की मूर्ति दान की.
सुधा मूर्ति पहले TTD के ट्रस्ट बोर्ड की सदस्य थीं. उन्होंने रंगनायकुला मंडपम में TTD के कार्यकारी अधिकारी एवी धर्म रेड्डी को अपना दान सौंपा.
इंफोसिस की स्थापना साल 1981 में नारायण मूर्ति और उनके 6 साथी इंजीनियरों ने सीमित संसाधनों के साथ की थी.
कंपनी की स्थापना के लिए नारायण मूर्ति को पैसों की जरूरत थी. ऐसे में उन्होंने अपनी पत्नी के बचाए हुए 10 हजार रुपये उधार लिए थे.
साल 1999 में इंफोसिस अमेरिकी शेयर बाजार Nasdaq में लिस्ट हुई और यह कारनामा करने वाली वह पहली भारतीय कंपनी थी.
सुधा मूर्ति से एक इंटरव्यू में जब पूछा गया कि 10 हजार रुपये देते समय क्या आप इसे लेकर चिंतित नहीं थी.
मैं हर महीने मूर्ति और अपनी सैलरी में से कुछ रुपये अलग रख देती थी. मूर्ति को इसकी जानकारी भी नहीं थी. मैं इन रुपयों को एक बॉक्स में रखती थी.
इस बॉक्स में 10,250 रुपये हो गए थे. मूर्ति ने मुझसे से कहा कि मेरा एक सपना है. यह पूरा होगा या नहीं, मैं नहीं जानता, लेकिन मैं करना चाहता हूं.
सुधा मूर्ति ने कहा कि मैं जानती थी कि वे मेहनती आदमी हैं. अगर मैं ये रुपये उन्हें नहीं देती तो उन्हें ताउम्र इसका मलाल रहता.
अगर मेरे पति फेल होते तो फिर से नौकरी कर लेते. इसलिए मैंने उन्हें केवल 10,000 रुपये दिए और 250 रुपये अपने पास रख लिए थे.