आ गया इन्वेस्टमेंट प्रूफ देने का समय... जानें कहां से बचा सकते हैं टैक्स?

04 Jan 2024

BY: Business Team

इन्वेस्टमेंट प्रूफ सब्मिशन का समय आ गया है और आपकी कंपनी जल्द ही आपको ये काम करने के लिए कहना शुरू कर देगी.

हर कर्मचारी को अपने निवेश यानी इंवेस्टमेंट का प्रूफ (Investment Proof) और HRA डिटेल्स कंपनी को देनी होती है.

ज्यादातर कंपनियां जनवरी से फरवरी के अंत तक अपने कर्मचारियों को ये दस्तावेज पेश करने के लिए कहती हैं, ताकि उसे वेरिफाई करने के बाद आयकर विभाग में सब्मिट किया जा सके.

आप धारा 80C और अन्य के जरिए पुरानी कर व्यवस्था के तहत छूट पा सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे ये उन टैक्सपेयर्स के लिए नहीं है जो न्यू टैक्स रिजीम चुनते हैं.

80सी, 80सीसीसी और 80सीसीडी(1) के तहत संयुक्त रूप से दावा की जा सकने वाली अधिकतम कटौती 1.5 लाख रुपये है.

वैसे तो टैक्स बचाने के लिए इन्वेस्टमेंट के कई सारे ऑप्शंस मौजूद हैं, लेकिन इनमें से 80C के तहत आने वाले विकल्प सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप से इस्तेमाल किेए जाते हैं. 

EPF, PPF जैसी भविष्य निधि में निवेश आपकी टैक्सेबल इनकम को कम करने में मदद कर सकता है.यहां ध्यान रहे कि ईपीएफ में कर्मचारियों का योगदान 80 सी के तहत कटौती के लिए पात्र हो.  

वहीं PPF योगदान आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत कर कटौती के लिए पात्र है. निवेश की अधिकतम सीमा 1.50 लाख रुपये और ब्याज दर 7.1 फीसदी है.

इसके अलावा जीवन बीमा पॉलिसी (Life Insurance) के प्रीमियम पर धारा 80सी के तहत कटौती का दावा किया जा सकता है.

आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत करदाता चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर प्रति वित्तीय वर्ष 25,000 रुपये तक की कर कटौती के लिए पात्र हैं.

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) में निवेश का इस्तेमाल करते हुए आसानी से टैक्स छूट के लिए इसे इस्तेमाल कर सकते हैं.  

Home Loan की मूल राशि के भुगतान पर भी आपको टैक्स बेनेफिट मिलता है. धारा 80EE के तहत आवासीय संपत्ति ऋण के ब्याज घटक के आधार पर लाभ ले सकते हैं.

इसके अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड किए गए इन्वेस्टमेंट को भी आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कवर किया जा सकता है.

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) जैसी स्माल सेविंग स्कीम्स और राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में निवेश के जरिए भी टैक्स बेनेफिट्स ले सकते हैं.