21 July 2024
By Business Team
कर्नाटक में IT कंपनियों ने राज्य सरकार को एक प्रस्ताव सौंपा है जिसमें कर्मचारियों के काम के घंटे बढ़ाकर 14 घंटे करने की मांग की गई है.
इस कदम का कर्मचारियों ने कड़ा विरोध किया है, जिन्होंने हेल्थ संबंधी इशू और छंटनी की चिंताओं का हवाला देते हुए इसे अमानवीय बताया है.
इंडिया टुडे के सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार कर्नाटक दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1961 में संशोधन करने पर विचार कर रही है.
आईटी कंपनियां चाहती हैं कि उनके प्रस्ताव को संशोधन में शामिल किया जाए, जिससे कानूनी तौर पर काम के घंटे 14 घंटे (12 घंटे + 2 घंटे ओवरटाइम) हो जाएंगे.
अभी श्रम कानून 12 घंटे (10 घंटे + 2 घंटे ओवरटाइम) तक कार्य की अनुमति देता है. सूत्रों ने बताया कि सरकार ने इस मामले पर शुरुआती बैठक की है और जल्द ही आगे के फैसले लिए जाएंगे.
इस प्रस्ताव पर कैबिनेट में चर्चा होने की संभावना है. काम के घंटे बढ़ाने के प्रस्ताव को कर्नाटक राज्य IT कर्मचारी संघ ने कड़ा विरोध किया है.
यूनियन ने एक बयान जारी कर चेतावनी दी है कि काम की शिफ्ट कम होने से एक तिहाई कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे.
केसीसीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, 45% कर्मचारी आईटी सेक्टर के मानसिक हेल्थ समस्या से जूझ रहे हैं और 55% शारीरिक हेल्थ प्रोब्लम से गुजर रहे हैं. काम बढ़ाने से ये स्थिति और गंभीर हो जाएगी.
कर्मचारी संघ ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार कर्मचारियों को मनुष्य नहीं बल्कि मशीन मानती है.
सिद्धारमैया सरकार से आग्रह किया कि वह आईटी कम्पनियों द्वारा रखी गई मांग पर विचार करें और लागू ना करें.