पत्नी से लिया था 10 हजार रुपये उधार, नारायण मूर्ति ने कुछ यूं खड़ी की इंफोसिस

26 अगस्त 2023

इंफोसिस भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी है. सुधा मूर्ति इसी कंपनी के फाउंडर एन आर नारायण मूर्ति की पत्नी हैं.

सुधा मूर्ति को भारत के तीसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है. वो अपनी सरलता और सादगी के लिए जानी जाती हैं.

इंफोसिस की स्थापना साल 1981 में नारायण मूर्ति और उनके 6 साथी इंजीनियरों ने सीमित संसाधनों के साथ की थी.

कंपनी की स्थापना के लिए नारायण मूर्ति को पैसों की जरूरत थी. ऐसे में उन्होंने अपनी पत्नी के बचाए हुए 10 हजार रुपये उधार लिए थे.

साल 1999 में इंफोसिस अमेरिकी शेयर बाजार Nasdaq में लिस्ट हुई और यह कारनामा करने वाली वह पहली भारतीय कंपनी थी.

सुधा मूर्ति से एक इंटरव्यू में जब पूछा गया कि 10 हजार रुपये देते समय क्या आप इसे लेकर चिंतित नहीं थीं.

जवाब में उन्होंने कहा था कि जब मेरी शादी हुई तो मेरी मां ने मुझे एक सीख दी थी कि कुछ पैसे जरूर अपने पास रखने चाहिए.

मैं हर महीने मूर्ति और अपनी सैलरी में से कुछ रुपये अलग रख देती थी. मूर्ति को इसकी जानकारी भी नहीं थी. मैं इन रुपयों को एक बॉक्स में रखती थी.

इस बॉक्स में 10,250 रुपये हो गए थे. मूर्ति ने मुझसे से कहा कि मेरा एक सपना है. यह पूरा होगा या नहीं, मैं नहीं जानता, लेकिन मैं करना चाहता हूं.

सुधा मूर्ति ने कहा कि मैं जानती थी कि वे मेहनती आदमी हैं. अगर मैं ये रुपये नहीं देती तो उन्हें ताउम्र इसका मलाल रहता.

अगर मेरे पति फेल होते तो फिर से नौकरी कर लेते. इसलिए मैंने उन्हें केवल 10,000 रुपये दिए और 250 रुपये अपने पास रख लिए थे.