इतिहास के सबसे पड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में जनता पर हर बीतता दिन भारी पड़ता जा रहा है.
Pic Credit: Getty Imagesभूख से तड़पती जनता रोटी के लिए जान गवांने पर मजबूर है, लेकिन देश की शहबाज शरीफ सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है.
क्या आप जानते हैं बड़े फाइनेंशियल क्राइसिस का सामना कर रहे पाकिस्तान के पास ऐसा खजाना मौजूद है, जो सारी परेशानी खत्म कर सकता है.
दरअसल, देश को आर्थिक बदहाली से बाहर निकालने में सोना (Gold) काम आ सकता है, लेकिन ये देश का गोल्ड रिजर्व नहीं है.
हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में मौजूद सोने की खदानों (Gold Mines) की, जहां सोने की भरमार है.
Pic Credit: Getty Imagesबलूचिस्तान की रेको दिक माइन दुनिया की सबसे बड़ी सोने-तांबे की खानों में से एक है, इसमें अनुमानित करीब 590 करोड़ टन का खनिज भंडार है.
साल 1995 में रेको दिक में पहली बार खुदाई हुई थी और पहले चार महीने में यहां से 200 किलोग्राम सोना और 1700 टन तांबा निकाला गया था.
उस समय एक्सपर्ट्स ने उम्मीद जताई थी कि इस खान में करीब दो ट्रिलियन डॉलर की कीमत का 40 करोड़ टन सोना मौजूद हो सकता है.
खनन परियोजना 2011 में निलंबित की गई थी, क्योंकि Pak ने बैरिक और एंटोफगास्टा पीएलसी को रेको दिक विकसित करने के लिए लाइसेंस नहीं दिया था.
तब से इस सोने की खान को लेकर विवाद जारी है, इस खदान को लेकर बीते साल दिसंबर 2022 को पीएम शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में बैठक हो चुकी है.
ये सोने का भंडार एक झटके में पाकिस्तान को बदहाली के जाल से बाहर निकालने में सक्षम है, लेकिन इसे लेकर बात आगे नहीं बढ़ पा रही है.
दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार बीते सप्ताह 17 करोड़ डॉलर घटकर 4 अरब की नीचे आ चुका है.