अपने इतिहास का सबसे बड़ा आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान (Pakistan Crisis) में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं.
देश में महंगाई दर (Pakistan Inflation) की बात करें तो ये 31 फीसदी से ऊपर बनी हुई है और जनता की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.
रोजमर्रा के जरूरत की चीजों की कीमत आसमान पर पहुंच चुकी है और लोगों की पहुंच से ये दूर होती जा रही हैं.
पाकिस्तान में महंगाई से परेशान जनता की हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि देश में बच्चों तक को दूध के लाले पड़े हैं.
महज एक लीटर दूध के लिए लोगों को 190 रुपये से लेकर 210 रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं. ये आंकड़ा भारत में दूध के दाम से तीन गुना ज्यादा है.
न केवल दूध बल्कि लोगों को चिकन खाने के लिए भी 10 बार सोचना पड़ रहा है. यहां एक किलो चिकन 800 रुपये तक बिक रहा है.
देश में चिकन और दूध ही नहीं, आटा, फल, पेट्रोल-डीजल से लेकर दवाइयों तक की किल्लत लोगों के सामने विकराल रूप लेकर खड़ी हुई है.
सबसे बड़ी बात ये कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा मदद की मंजूरी के बाद भी देश के बदहाल हालातों में कोई खास बदलाव नहीं दिख रहा है.
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी थम नहीं रहा है और इसमें लगातार गिरावट देखने को मिल रही है.