रतन टाटा नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है, ये जिससे जुड़ जाता है उसकी किस्मत बदल जाती है.
Tata का नाम जुड़ते ही स्टार्टअप फर्श से अर्श पर पहुंच जाते हैं और इसके कई उदाहरण मौजूद हैं.
कुछ ऐसा ही 21 साल के युवा कारोबारी अर्जुन देशपांडे (Arjun Deshpande) के साथ भी हुआ.
16 साल की उम्र में अर्जुन ने लोगों को सस्ती दवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से Generic Aadhaar स्टार्टअप शुरू किया था.
गौरतलब है कि ये जेनेरिक दवाएं बाजार में उपलब्ध दवाओं से या कहें बाजार भाव से बहुत सस्ती होती हैं.
ये आइडिया Ratan Tata को पसंद आया और उन्होंने अर्जुन देशपांडे के कंधे पर हाथ रख दिया.
बस फिर क्या था बिजनेस आगे ही बढ़ता गया और आज जेनेरिक आधार 500 करोड़ रुपये वैल्यू की कंपनी बन गई है.
टाटा के साथ ने 'जेनेरिक आधार' के विस्तार को ऐसी रफ्तार दी कि आज इसके देश में करीब 2,000 स्टोर हैं.
जेनेरिक आधार के स्टोर्स के जरिए लगभग 10,000 लोगों को रोजगार भी प्राप्त हो रहा है.
अप्रैल 2023 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अर्जुन की तारीफ करते हुए उन्हें 'फार्मा का वंडर किड' बताया था.
बता दें रतन टाटा ने जेनेरिक आधार, रेपोस एनर्जी, गुड फेलोज समेत कई स्टार्टअप्स में निवेश किया है.