देश के वाहन बाजार को इस मुकाम तक पहुंचने में कई बड़े संकल्पों और दृढ़ता का हाथ रहा है.
नब्बे के दशक के आखिर में देश की पहली डीजल कार के तौर पर टाटा मोटर्स ने अपनी किफायती हैचबैक कार Tata Indica को लॉन्च किया था.
रतन टाटा ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पोस्ट पर इंडिका कार के साथ तकरीबन 25 साल पहले खीची गई एक तस्वीर को साझा किया है.
टाटा ने लिखा, "पच्चीस साल पहले, टाटा इंडिका की लॉन्चिंग भारत के स्वदेशी यात्री कार उद्योग का जन्म था, यह सुखद यादें वापस लाता है और मेरे लिए मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखता है."
Tata Indica को कंपनी ने साल 1998 में पहली बार लॉन्च किया था. ये देश की पहली हैचबैक कार थी, जो कि डीजल इंजन के साथ आती थी.
टाटा इंडिका को इंडिजिनियस कार का भी तमगा मिला हुआ है, इसे पूरी तरह से देश में डिज़ाइन और डेवलप किया गया था.
जानकारों का मानना है कि, इसी कार ने भारत में पैसेंजर कारों की नींच रखी, जिसे लोगों द्वारा खूब पसंद किया गया.
नए साल की शुरुआत होने वाली थी और 30 दिसंबर 1998 को टाटा मोटर्स ने भारतीय बाजार में अपनी नई टाटा इंडिका को लॉन्च किया था.
इस कार को उस वक्त महत 2.6 लाख रुपये की शुरुआती कीमत में पेश किया गया, जिसने बेहद कम समय में 1 लाख यूनिट्स की बुकिंग का आंकड़ा पार कर लिया.
1998 के ऑटो एक्सपो में टाटा इंडिका को पहली बार पेश किया गया था. अपने ख़ास लुक और शार्प डिज़ाइन के चलते ये कार लोगों को पहली नज़र में ही पसंद आई.
टाटा इंडिका की क्या खूबियां थीं? इस कार ने दूसरे कंपटीटरों की कैसे टेंशन बढ़ा दी? टाटा ने कैसे बाजार का गेम बदल दिया? विस्तार से जानने के लिए नीचे क्लिक करें.