भारतीय रिजर्व बैंक ने इस साल लगातार पांचवीं बार Repo Rate में बढ़ोतरी की है.
गवर्नर शक्तिकांत दास ने MPC बैठक के बाद रेपो रेट में 0.35% की वृद्धि का ऐलान किया.
अब रेपो रेट बढ़कर 6.25% हो गया है. इस साल इसमें पांच बार इजाफा हुआ है.
रेपो रेट बढ़ने से होम-ऑटो सभी तरह के कर्ज महंगे होंगे और ज्यादा EMI भरनी होगी.
महंगाई को काबू में लाने के लिए मई से अब तक रेपो रेट में 2.25% की बढ़ोत्तरी की गई है.
मई में 0.40%, जून में 0.50%, अगस्त में 0.50% और सितंबर 0.50% इजाफा हुआ था.
रेपो रेट में वृद्धि अक्टूबर में रिटेल महंगाई के गिरकर 6.7% पर आने के बावजूद की गई है.
शक्तिकांत दास ने कहा, Inflation से जंग जारी है. महंगाई दर को 6% के नीचे लाएंगे.
रेपो रेट बढ़ने से अब कर्ज महंगी दर पर मिलेगा और Loan की EMI ज्यादा भरनी होगी.
रेपो दर (Repo Rate) वह दर होती है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है.
इसके बढ़ने से लोन की ईएमआई बढ़ जाती है और घटने से EMI को बोझ कम हो जाता है.
आरबीआई ने FY23 के लिए CPI मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान 6.7% पर बरकरार रखा है.
अगले 12 महीनों में देश में मुद्रास्फीति दर 4% से ऊपर रहने की उम्मीद जताई गई है.
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6.8% रहने का अनुमान जताया गया है.