18 Feb, 2023 By: Business Team

अडानी जैसे संकट में फंसे थे धीरूभाई...फिर 3 दिन शेयर बाजार ही बंद करवा दिया!

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अडानी ग्रुप के शेयरों में तेज गिरावट आई है.

करीब 4 दशक पहले कुछ इसी तरह के मामलों से उद्योगपति धीरूभाई अंबानी का भी सामना हुआ था.

धीरूभाई अंबानी ने अपने अंदाज में मामले को निपटाया था. आज भी उनके फैसले को याद किया जाता है.

साल 1977 में धीरूभाई अंबानी ने अपनी कंपनी रिलायंस को शेयर मार्केट में लिस्ट कराने का फैसला किया.

एक साल से कम वक्त में रिलायंस कंपनी के शेयर की कीमत 5 गुना ज्यादा बढ़कर 50 रुपये हो गई. 

फिर 1980 में एक शेयर की कीमत 104 और 1982 में 18 गुना बढ़कर 186 रुपये पर पहुंच गई. 

इसके बाद धीरूभाई ने डिबेंचर्स के जरिए पैसे जुटाने का प्लान बनाया, डिबेंचर्स के जरिए कंपनियां पूंजी जुटाती हैं.

लेकिन तभी कोलकाता में बैठे शेयर बाजार के कुछ दलालों ने रिलायंस के शेयरों को साजिशन गिराने का फैसला किया.

रिलायंस (Reliance) के शेयर की कीमत को गिराने के लिए दलाल 'शॉर्ट सेलिंग' कर रहे थे. 

धीरूभाई अंबानी ने इस बारे में पता चलते ही अपने कुछ दलालों को रिलायंस टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज के शेयर खरीदने के लिए तैयार कर लिया.

कुल मिलाकर रिलायंस टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज के 11 लाख शेयर बिके और जिसमें से 8 लाख 57 हजार अंबानी के दलालों ने ही खरीद लिए. 

उसके बाद जब अगला शुक्रवार आया तो अंबानी के दलालों ने कोलकाता में बैठे दलालों से शेयर मांगे. 

वायदा व्यापार होने की वजह से दलालों के पास शेयर नहीं थे. 131 रुपये में जुबानी शेयर बेचने वालों की हालत खराब थी. 

लेकिन उन्हें ऊंचे दाम पर रिलायंस टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज के शेयर खरीदकर देने पड़े.

उस समय यह मामला इतना बड़ा हो गया था कि तीन दिन तक स्टॉक मार्केट को बंद करना पड़ा था.