26 May, 2023 By- Business Team

नई सिंगोल की ये 5 खास बातें, नेहरू ने भी 15 हजार में बनवाया था!

देश की नई संसद का उद्घाटन 28 मई को होगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसी दिन सेंगोल को सदन स्थापित करेंगे. 

इस सेंगोल यानी राजदंड को 15 अगस्त 1947 की आजादी की रात पंडित जवाहर लाल नेहरू को सौंपा गया था.

पांच फीट लंबे चांदी से बने इस सेंगोल पर सोने की परत चढ़ाई गई है. इसे लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के बगल में पोडियम पर स्थापित किया जाएगा. 

सेंगोल के ऊपरी हिस्से पर नंदी विराजमान हैं. सेंगोल के नीचे तमिल भाषा में कुछ लिखा भी हुआ है. 

इस सेंगोल को 1947 में बनवाया गया था. इसे मद्रास के स्वर्णकार वुम्मिडि बंगारू चेट्टी ने हस्तशिल्प कारीगरी द्वारा बनवाया था.

सेंगोल को एक महीने से कम समय में बनाया गया था. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसके लिए वुम्मिडि बंगारू चेट्टी को 15000 रुपये मिले थे.

सेंगोल देने की परंपरा चोल साम्राज्य से ही चली आ रही है. आखिरी बार 1947 में लॉर्ड माउंट बेटन ने जवाहरलाल नेहरू को सेंगोल सौंपा था. 

ये वही सेंगोल है, जो हिंदू परंपरा में सत्ता हस्तांतरण की पहचान रहा है और तमिल संस्कृति की शान रहा है. 

14 अगस्त 1947 को जवाहर लाल नेहरू को सेंगोल मिलने के बाद इसे प्रयागराज के आनंद भवन में रख दिया गया था.