यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का हर जगह पर भारत में उपयोग होने लगा है.
एनपीसीआई की ओर से डेवलप इस सिस्टम से चुटकियों में पेमेंट हो जाता है ओर एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसा तुरंत चला जाता है.
UPI को 2016 में पब्लिकली पेश किया गया था, जिसके बाद इसमें कई बदलाव हो चुके हैं. आइए जानते हैं इसमें क्या-क्या बदलाव हुए हैं.
एनपीसीआई ने कहा है कि अगर किसी ने यूपीआई से एक साल तक भुगतान नहीं है तो उसकी ID बंद हो जाएगी.
दूसरा बड़ा बदलाव देश में इक्विटी ट्रेडिंग को आसान बनाते हुए आधिकारिक तौर पर 'सेकेंडरी मार्केट के लिए यूपीआई' लॉन्च किया गया है.
यह ऐप फंड को ब्लॉक करने, क्लियरिंग कॉरपोरेशन के माध्यम से T1 आधार पर भुगतान करने के लिए सक्षम बनाता है.
तीसरा बदलाव यूपीआई भुगतान के लिए ट्रांजेक्शन की लिमिट को बढ़ा दिया है.
अब यह सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है. यह सीमा अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों को भुगतान के लिए लागू होगी.
भारत का पहला यूपीआई-एटीएम लॉन्च किया गया है, जिसके तहत कैश निकालने की अनुमति दी जाती है.
सुरक्षित और यूजर्स को फ्रॉड से बचाने के लिए 2 हजार से ज्यादा पेमेंट करने वालों के लिए चार घंटे की लिमिट दी गई है.