जब इंश्योरेंस की बात आती है तो दिमाग में दो तरह के बीमा आते हैं एक फर्स्ट पार्टी और दूसरा थर्ड पार्टी.
फर्स्ट पार्टी और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस दोनों में नुकसान की भरपाई होती है. थर्ड पार्टी बीमा जरूरी होता है.
इंश्योरेंस में फर्स्ट पार्टी वह होता है, जो इस पॉलिसी को खरीदता है. यानी वाहन मालिक.
इंश्योरेंस को जारी करने वाली कंपनी को सेकेंड पार्टी कहा जाता है. इंश्योरेंस में थर्ड पार्टी वह होता है, जिसे नुकसान की भरपाई की जाती है.
थर्ड पार्टी बीमा वह होता है, जिसका लाभ गाड़ी के मालिक और बीमा कंपनी की बजाय किसी तीसरे पक्ष को हासिल होता है.
इसमें किसी दुर्घटना में तीसरे पक्ष को या उसकी संपत्ति को नुकसान पहुंचने पर उसका खर्च बीमा कंपनी उठाती है.
फर्स्ट पार्टी बीमा ऑप्शनल होता है और इसका दायरा भी बड़ा होता है. इसके तहत बीमा कंपनी दोनों पक्षों के नुकसान की भरपाई करती है.
इंश्योरेंस भविष्य में किसी नुकसान या फिर दुर्घटना की आशंका से निपटने के लिए बहुत जरूरी होता है.
कानून के मुताबिक हर वाहन के लिए थर्ड पार्टी बीमा जरूरी होता है. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के बिना आप अपने वाहन को नहीं चला सकते हैं.