जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा को हर कोई जानता है. उन्होंने अपनी काबिलियत की दम पर Tata Group को नई बुलंदियों पर पहुंचाया है.
वे जितने बड़े बिजनेसमैन हैं, उतने ही दरियादिल इंसान भी हैं. वे अपने कर्मचारियों को अपने परिवार का हिस्सा समझते हैं और इसके कई उदाहरण हैं.
85 वर्षीय बैचलर Ratan Tata के पास सब कुछ है, लेकिन फिर भी उन्हें एक चीज बेहद परेशान करती है, वे कई बार इसका जिक्र भी कर चुके हैं.
बीते साल अगस्त 2022 में बुजुर्गों की सेवा के लिए शुरू किए गए स्टार्टअप Goodfellows की शुरुआत के दौरान उनका दर्द छलका था.
ये स्टार्टअप टाटा ऑफिस में जनरल मैनेजर शांतनु नायडू ने शुरू किया था और रतन टाटा की ओर से इसमें इन्वेस्टमेंट करने का ऐलान किया गया था.
Ratan Tata ने इसके लॉन्च कार्यक्रम में कहा था कि जब तक आप वास्तव में बूढ़े नहीं होते, किसी को भी बूढ़े होने मन बिल्कुल भी नहीं करता.
बुजुर्गों के लिए ऐसे स्टार्टअप की शुरुआत करने पर उन्होंने खुशी जताते हुए कहा था कि यह युवाओं को बूढ़े लोगों का सहारा बनाने का काम करेगा.
स्टार्टअप लॉन्च पर रतन टाटा ने कहा था कि आप तब तक नहीं जानते अकेले रहना कैसा होता है? जब तक आप अकेले समय बिताने को मजबूर नहीं होते.
हालांकि, स्टार्टअप Goodfellows में रतन टाटा ने कितना निवेश (Investment) किया है, इस बात की जानकारी साझा नहीं की गई है.