सुधा मूर्ति... आज ये नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है. इंफोसिस को-फाउंडर की पत्नी होने के साथ वे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की सास भी हैं.
देश की इतनी बड़ी शख्सियत होने के बावजूद पद्म अवार्ड से सम्मानित सुधा मूर्ति की सादगी और सरलता हर किसी के लिए प्रेरणा है.
इन दिनों उनका एक पुराना बाकया चर्चा में है, जिसका खुलासा उन्होंने खुद दिग्गज कॉमेडियन कपिल शर्मा के टीवी शो में किया है.
दरअसल, जब सुधा मूर्ति पढ़ रही थीं, तब उन्होंने JRD Tata को एक खत लिखा था, जिसमें उन्होंने बहुत बड़ी बात कही थी.
सुधा मूर्ति बताती हैं कि 1974 में, मैं बेंगलरु में टाटा इंस्टीट्यूट से एमटेक कर रही थी, और अपने क्लास में अकेली लड़की थी.
उन्होंने कहा कि एक दिन मैं हॉस्टल आ रही थी, तभी नोटिस बोर्ड पर एक विज्ञापन देखा, जिसमें टेल्को पुणे और जमशेदपुर में इंजीनियर की वैकेंसी थी.
इस विज्ञापन में नीचे लिखा था,'लेडीज स्टूडेंट्स नीड नोट अप्लाई...' ठीक वैसे ही जैसे सिगरेट पैकेट पर लिखा होता है कि ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
मुझे बहुत गुस्सा आ गया, उस नोटिस को पढ़ने के बाद में हॉस्टल गई और इस पूरे मामले को जेआरडी टाटा के संज्ञान में लाने के लिए खत लिखा.
सुधा मूर्ति के मुताबिक, उन्होंने लिखा, 'सर जेआरडी टाटा, आप हमेशा समय से आगे की सोचते थे और समाज में महिला और पुरुष दोनों बराबर होते हैं.
उन्होंने लिखा कि लेडीज को अगर आप चांस नहीं दे रहे हैं, तो आप महिलाओं की सेवाओं से वंचित रह रहे हैं. इससे आपका देश प्रोग्रेस नहीं कर पाएगा.
जेआरडी टाटा का एड्रेस मालूम न होने के कारण सुधा मूर्ति ने अपने लिखे पोस्टकार्ड पर सिर्फ JRD Tata, telco Mumbai लिखकर पोस्ट कर दिया था.
जेआरडी को सुधा मूर्ति का खत मिला और उन्होंने इसे पढ़ने के बाद स्टाफ को बुलाकर कहा- एक लड़की यह पूछ रही है और यह अन्याय है, उसे चांस देना चाहिए.
कपिल शर्मा के शो में उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्हें इंटरव्यू की परमिशन मिल गई, और आगे चलकर मैं टाटा ग्रुप की पहली महिला इंजीनियर बनी.