डिजिटल और नेट बैंकिंग के दौर में भी कैसिंल चेक की परंपरा बरकार है. आज भी बैंक या बीमा कंपनियां अपने ग्राहकों से कैंसिल चेक की मांग करते हैं.
जब आप बैंक या अन्य जगह कैंसिल चेक देते हैं, तो उसपर साइन करने की जरूरत नहीं होती है. सिर्फ चेक पर 'CANCELLED' लिखना होता है.
इसके आलावा चेक पर क्रॉस का साइन भी बना सकते हैं. कंपनियां या बैंक कैंसिल चेक ग्राहकों के अकाउंट को वेरिफाई करने के लिए लेती हैं.
आमतौर पर कैंसिल चेक देने का मतलब यह होता है कि उस बैंक में आपका अकाउंट मौजूद है. चेक पर आपके बैंक का अकाउंट नंबर लिखा होता है.
कैंसिल चेक से कोई आपके खाते से पैसे की निकासी नहीं कर सकता. इसका इस्तेमाल सिर्फ आपके अकाउंट को वेरिफाई करने के लिए ही किया जाता है.
जब किसी को भी कैंसिल चेक दिया जाता है, तो बीच में Cancelled लिख दिया जाता है. ताकी कोई भी चेक का गलत इस्तेमाल नहीं कर सके.
जब आप फाइनेंसियल काम करते हैं, तो कैंसिल चेक की जरूरत पड़ती है. अगर आप लोन लेने जाएंगे, तो बैंक कैंसिल चेक की मांग करेंगे.
कैंसिल चेक के लिए हमेशा ब्लैक इंक या फिर ब्ल्यू इंक वाले पेन इस्तेमाल करना चाहिए. PF से ऑनलाइन पैसा निकालने के लिए भी कैंसिल चेक की जरूरत पड़ती है.
कैंसिल चेक पर भी आपके अकाउंट से जुड़े तमाम डिटेल्स लिखे होते हैं. इसलिए इसे किसी को भी नहीं देना चाहिए.