चीन-PAK के लिए काल है भारत का नया जंगी जहाज INS Imphal, जानें इसकी पावर

18 Dec 2023

भारतीय नौसेना को बहुत जल्द खतरनाक स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर मिल जाएगा. इस विध्वंसक ने समुद्री ट्रायल शुरू कर दिए हैं. इसका नाम द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई इंफाल की लड़ाई के शहीदों की याद में रखा गया है.

INS Imphal

यह पहला जंगी जहाज है जिसका नाम उत्तर-पूर्व के किसी राज्य के नाम पर रखा गया है. इसका डिस्प्लेसमेंट 7400 टन है. 535 फीट लंबे इस जंगी जहाज का बीम 57 फीट का है. 

INS Imphal

यह एक डीजल-इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाला युद्धपोत है. समुद्र में इसकी अधिकतम गति 56 किलोमीटर प्रतिघंटा है. 

INS Imphal

अगर यह 33 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलता है तो इसकी रेंज 7400 किलोमीटर है. 45 दिनों तक लगातार समुद्र में तैनात रह सकता है. इस युद्धपोत पर 50 अधिकारी और 250 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं.

INS Imphal

इसमें 32 बराक 8 मिसाइलें, 16 ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल 4 टॉरपीडो ट्यूब्स, 2 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स, 7 प्रकार के गन्स होते हैं. ध्रुव और सी किंग हेलिकॉप्टर तैनात हैं.

INS Imphal

इसमें सुरक्षा के लिए डीआरडीओ द्वारा बनाया गया इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर शक्ति ईडब्ल्यू सुइट और कवच चैफ सिस्टम लगा है.

INS Imphal

INS Imphal में 32 एंटी-एयर बराक मिसाइलें तैनात की जा सकती है. जिनकी रेंज 100 KM है. या बराक 8ER मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं, जिसकी रेंज 150 KM है. 

INS Imphal

इसमें 16 एंटी-शिप या लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइलें लगा सकते हैं. इसके अलावा एक 76 mm की OTO मेराला तोप, 4 AK-603 CIWS गन लगी है. 

INS Imphal

आईएनएस इंफाल पर दो वेस्टलैंड सी किंग या HAL ध्रुव हेलिकॉप्टर ले जाए जा सकते हैं. इस युद्धपोत में स्टेट ऑफ द आर्ट सेंसर लगे हैं, जो दुश्मन के हथियारों का आसानी से पता कर सकते हैं. 

INS Imphal

ये सेंसर्स ऐसे डेक में लगाए गए हैं, जिन्हें दुश्मन देख नहीं सकता. इसमें बैटल डैमेज कंट्रोल सिस्टम्स लगाए गए हैं. यानी युद्ध के दौरान अगर जहाज के किसी हिस्से में नुकसान हो तो पूरा युद्धपोत काम करने बंद न करे.

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