12 Dec 2024
Credit: X/@IndiaNavy
मल्टी-रोल स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट 'आईएनएस तुशिल' को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया. यह भारत और रूस के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.
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यंतर शिपयार्ड में हुए इस कमी शनिंग समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी समेत अन्य अधिकारी उपस्थिति थे.
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आईएनएस तुशिल हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की सैन्य क्षमता को बढ़ाएगा. इस क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में चीनी नौसेना की गतिविधियां बढ़ी हैं.
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इस जंगी जहाज का निर्माण 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के समझौते के तहत रूस में किया गया है. भारत ने अपनी नौसेना के लिए चार ‘स्टील्थ फ्रिगेट’ को लेकर 2016 में रूस के साथ यह समझौता किया था.
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आईएनएस तुशिल 125 मीटर लंबा, 3900 टन वजनी है. जहाज का डिजाइन इसे रडार से बचने की क्षमता और बेहतर स्थिरता प्रदान करता है. INS तुशिल में स्वदेशी सामग्री को 26 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है.
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इस जहाज के निर्माण में प्रमुख भारतीय कंपनियां ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड सहित कई मुख्य कंपनियां शामिल थीं.
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