इंडियन आर्मी के वेस्टर्न कमांड में बीते दिनों चल रहे युद्धाभ्यास में मुख्य युद्धक टैंक टी-90 के ऊपर टॉप अटैक प्रोटेक्शन केज (TAPC) लगा दिखा.
ये टैंक के ऊपर सवार मशीन गन चलाने वाले जवान को आत्मघाती ड्रोन, एंटी-टैंक मिसाइल, ग्रेनेड और हेलिकॉप्टर की गोलियों के हमलों से बचाता है.
इसे एंटी-ड्रोन केज, कोप केज या स्लेट ऑर्मर भी कहते हैं. ऐसी छतरियां इजरायली टैंक्स पर भी दिखाई पड़ती हैं.
भीष्म एक 125 मिलिमीटर स्मूथबोर गन है. यह 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चल सकता है. इस टैंक पर 43 गोले स्टोर किए जा सकते हैं.
टी-90 टैंक रूस का मुख्य युद्धक टैंक है, जिसे भारत ने अपने हिसाब से बदलकर उसका नाम भीष्म रखा है. इस टैंक में तीन लोग ही बैठते हैं.