राजस्थान के रावतसर जिले का रहने वाला ये परिवार कईं लोगों के लिए प्रेरणा बन चुका है. सहारण फैमिली की पांचों बेटियां प्रशासनिक सेवा में हैं. इन सभी ने साबित कर दिया, अगर अच्छी परवरिश दी जाए तो बेटियां बोझ नहीं बल्कि वरदान हैं.
सहारण परिवार की ये पांचों बहनें 5वीं कक्षा तक सरकारी स्कूल में पढ़ी हैं. एक छोटे से गांव की रहने वाली इन पांचों बहनों ने तमाम मुश्किलों के बाद भी आज ये मुकाम हासिल किया है.
इस परिवार की बड़ी बेटी रोमा ने साल 2011 में राज्य प्रशासनिक सेवा का एग्जाम क्लीयर किया था और इस तरह वो फैमिली की सबसे पहली ऑफिसर बन गई थीं.
रोमा के बाद उनकी दूसरे नंबर की बहन मंजू का साल 2012 में राज्य प्रशासनिक सेवा में सहकारिता विभाग में चयन हुआ था.
वहीं तीनों बहनों अंशू, ऋतु और सुमन का सिलेक्शन एक साथ आरएएस 2018 की परीक्षा में हुआ था. सहारण परिवार की पांचों बहनों के अफसर बनने के बाद उनके माता-पिता को अपनी बेटियों पर गर्व है.
एक इंटरव्यू में पांचों बहनों ने बताया था कि "ये सब हमारे मां-बाप की मेहनत का फल है. समाज के लोग उन्हें ताने दिया करते थे कि बेटियों को पढ़ा-लिखा कर क्या करोगे पर उन्होंने कभी इस बात की परवाह नहीं की और आज हम उन्हीं के कारण इस मुकाम पर पहुंचे हैं."
"हमारे पिता किसान हैं पर उन्होंने हम सबके सपनों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. हमने 10-12 साल तक स्ट्रगल किया, कड़ी मेहनत की तब जाकर परीक्षा में पास हुए. हम सभी लड़कियों से यही कहना चाहते हैं कि मेहनत करोगे तो सफलता जरूर मिलेगी."