एजुकेशन टेस्टिंग सर्विस (ETS) TOFEL एग्जाम आयोजित करता है. जिसका कहना है कि विदेश से यूजी-पीजी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए टोफेल देने वाले भारतीय छात्रों की संख्या तेजी बढ़ी है. जानिए क्या है टोफेल?
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विदेश में एडमिशन लेने से पहले छात्रों को कुछ टेस्ट पास करने जरूरी होते हैं. इनमें से एक TOEFL यानी टेस्ट ऑफ इंग्लिश ऐज ए फॉरेन लैंग्वेज है.
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यह टेस्ट स्टूडेंट की इंग्लिश पढ़ने, लिखने, बोलने और सुनने योग्यता को चेक करने के लिए आयोजित किया जाता है.
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कंप्यूटर आधारित ईटीएस टीओईएफएल को सालाना 60 से अधिक बार आयोजित किया जाता है और इसे निर्दिष्ट परीक्षण केंद्रों पर लिया जा सकता है.
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किसी भी उम्र का छात्र इस परीक्षा में बैठ सकता है. हालांकि न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष है जो विदेश में अध्ययन के लिए आवश्यक आयु सीमा के समान है. इसके अलावा मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा पास होना चाहिए.
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यह टेस्ट दो फॉर्मेट में लिया जाता है- पहला पेपर इंटरनेट बेस्ड टेस्ट जिसे टोफल आईबीटी फॉर्मैट कहते हैं और दूसरा पेपर बेस्ड टेस्ट, जिसे टोफल पीबीटी फॉर्मैट कहा जाता है. आप दोनों में से किसी एक फॉर्मेट को चुनना होगा.
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इस परीक्षा को पास करने के लिए कम से कम 78 अंकों की जरूरत होती है. रिजल्ट, एग्जाम से 10 दिन बाद जारी कर दिए जाते हैं.
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दुनियाभर में 10,000 से ज्यादा कॉलेज, यूनिवर्सिटी और एजेंसी TOEFL को मान्यता देती हैं. इसके आधार पर विभिन्न स्नातक, स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट, स्कूली शिक्षा और फेलोशिप कार्यक्रमों में एडमिशन ले सकते हैं.
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