14 Dec 2024
जिन एयर स्टाफ की ड्यूटी इंटरनेशनल फ्लाइट में होती है, वे हर वीक विदेश जाते रहते हैं. लेकिन, कभी आपने सोचा है कि आखिर उन्हें भी हर बार वीजा लेना होता है.
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क्या उनके पासपोर्ट पर भी हर बार स्टांप लगती है? या उनका पासपोर्ट अलग होता है? तो समझते हैं उनके विदेश में एंट्री एग्जिट का प्रोसेस क्या है?
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क्या अलग होता है पासपोर्ट? पहले तो आपको बताते हैं कि एयरलाइंस के पायलट, फ्लाइट अटेंडेंट का पासपोर्ट अलग नहीं होता है. उनका भी आम नागरिकों की तरह सामान्य पासपोर्ट होता है.
कैसा होता है वीजा सिस्टम? एयरलाइंस स्टाफ के लिए वीजा की अलग-अलग व्यवस्था होती है और ये हर देश के हिसाब से अलग है.
भारत से जाने वाले स्टाफ के लिए हर देश में अलग नियम है. कुछ देशों के लिए स्टाफ को भी नॉर्मल वीजा लेना होता है और पासपोर्ट पर भी एंट्री-एग्जिट स्टांप लगती है.
इसके अलावा कुछ देशों के लिए स्टाफ को एक साथ लंबे वक्त का वीजा मिल जाता है, जिससे वे कई बार वहां जा सकते हैं.
वहीं कुछ देश ऐसे हैं, जहां जाने के लिए फ्लाइट स्टाफ को वीजा की जरुरत नहीं होती है. इस स्थिति में एयरलाइंस की ओर से स्टाफ की जानकारी दूसरे देश में दे दी जाती है.
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इसे जनरल डिक्लेरेशन कहा जाता है, जिसमें पूरे स्टाफ की जानकारी होती है और उनके वापस जाने का समय आदि भी लिखा होता है. इसकी अप्रूवल कॉपी स्टाफ के पास होती है.
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इस स्थिति में अगर वे एयरपोर्ट के बाहर भी आते जाते हैं तो उन्हें वीजा की जरुरत नहीं होती और ये डिक्लेरेशन ही उनके वीजा का काम करता है.
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वहीं, एयरस्टाफ के पासपोर्ट में हर बार स्टांप की जरुरत नहीं होती है और उनके इमिग्रेशन की प्रोसेस अलग तरह से होती है. वो डिक्लेरेशन पर ही कार्रवाई हो जाती है.
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