08 Nov 2024
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसख्यंक दर्जे पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है.
कोर्ट ने कहा है कि यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को नए सिरे से तय करने के लिए तीन जजों की एक समिति गठित की गई है. कोर्ट ने 4-3 के बहुमत से यह फैसला सुनाया है.
ऐसे में आइए जानते हैं कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में एडमिशन कैसे होता है.
अगर आप अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में एडमिशन चाहते हैं तो आपको पहले कॉमन यूनिवर्सिटी एडमिशन टेस्ट (CUET) देना होगा.
एएमयू के कुछ कोर्सेस में एडमिशन जहां सीयूईटी यूजी और सीयूईटी पीजी के स्कोर के आधार पर होता है.
वहीं कुछ कोर्सेस के लिए यूनिवर्सिटी अपना खुद का एंट्रेंस एग्जाम आयोजित कराती है. इनके लिए फॉर्म कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किए जाते हैं.
सीयूईटी में कटऑफ स्कोर लाने के बाद आप एएमयू के लिए अप्लाई कर सकते हैं. इससे पहले कैंडिडेट्स को काउंसलिंग प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से दसवीं और बारहवीं करने वाले उम्मीदवारों को यहां एमबीबीएस में एडमिशन आसानी से मिल जाता है.
यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त स्कूल-कॉलेजों से दसवीं और बारहवीं करने वाले स्टूडेंट्स के लिए यहां के मेडिकल कॉलेज की 50 फीसदी एमबीबीएस सीटें आरक्षित रहती हैं.
आपको बता दें कि यहां एमबीबीएस की कुल 150 सीटें हैं, जिनमें से सिर्फ 75 सीटों पर ही बाहरी स्टूडेंट्स को दाखिला मिलता है.
इसमें 5% सीटें विकलांग व्यक्तियों के लिए और 5% सीटें पीडब्ल्यूडी और उत्कृष्ट खिलाड़ी श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए भी आरक्षित रहती हैं.
बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में नीट परीक्षा के ज़रिए मेडिकल में एडमिशन मिलता है.