शैम्पू, परफ्यूम, बीयर... रोजमर्रा के इन आइटम में भी होती है जानवरों की चर्बी

20 Sep 2024

तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरी की चर्बी मिले होने का खुलासा हुआ है.

रोजमर्रा में हम ऐसे कई आइटम का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें जानवरों की चर्बी मिलाई जाती है और हमें पता भी नहीं होता. आइए जानते हैं.

सबसे पहले तो यह जानिए कि बीयर में बहुत मात्रा में एनिमल फैट होता है. कई ब्रांड्स isinglass नामक एक कम्पाउंड का इस्तेमाल करते हैं जिससे बियर का फिल्टर प्रोसेस पूरा होता है.

ये एक तरह का जिलेटिन है जो मछली के ब्लैडर से बनता है. वैसे अब मार्केट में वीगन बियर भी आने लगी हैं.

अधिकतर साबुन एनिमल फैट के कम्पाउंड्स से बने होते हैं. ग्लिसरीन और स्टेयरिक एसिड दोनों ही एनिमल फैट से मिलने वाले कम्पाउंड हैं.

टूथपेस्ट में ग्लिसरीन होता है और ग्लिसरीन में एनिमल फैट होता है. इसलिए टूथपेस्ट में भी ये होता है.

कई परफ्यूम में वनीला फ्रेग्रेंस यानी कि castoreum डाला जाता है. ये बीवर नामक एक जानवर से मिलता है और इसलिए इसमें भरपूर मात्रा में जानवरों की चर्बी फैट होता है.

इसके अलावा कई दवाओं में भी एनिमल फैट का इस्तेमाल किया जाता है.

मिल्क प्रोटीन शैम्पू, केराटिन प्रोटीन शैम्पू सब कुछ एनिमल फैट से ही बनाया जाता है. कंडीशनर और शैंपू में यूज होने वाला केराटिन जानवरों के सींग और उनके स्केल्स से आता है.

क्रेऑन्स एक तरह के वैक्स से बनते हैं जो स्टेयरिक एसिड कहलाता है। ये वैक्स मधुमक्खियों से आता है। इसलिए ये भी एनिमल प्रोडक्ट्स से भरपूर होता है

Pictures Credit: Pixabay