जब अरस्तू को गलत साबित करने पीसा की मीनार पर चढ़े गैलीलियो...
By Aajtak Education
Feb 15, 2023
प्राचीन ग्रीस में 384 BC में जन्मे अरस्तू या Aristotle ने विज्ञान, राजनीति समेत कई क्षेत्रों में अपना दखल रखा. उनका सबसे ज्यादा योगदान विज्ञान में माना जाता है.
अरस्तू ने दावा किया कि भारी वजन की चीजें धरती की तरफ तेजी से गिरती हैं जबकि कम वजन की चीजें धीमी गति से नीचे की तरफ गिरती हैं.
सदियों तक यह सिद्धांत माना जाता रहा कि ज्यादा भार की वस्तुओं की गति भी ज्यादा होती है.
वर्ष 1589 में आज ही के दिन महान वैज्ञानिक गैलीलियो गैलीलियाई (Galileo Galilei) का जन्म हुआ जिन्होंने इस सिद्धांत को चुनौती दी.
उन्होंने कहा कि गिरने की गति का चीजों के भार से कोई संबंध नहीं है. चीजें केवल अपने आकार के कारण गिरते हुए एयर रेजिस्टेंस का अनुभव करती हैं.
अपनी बात साबित करने वह पीसा की मीनार पर चढ़े और लोगों को एकट्ठा कर एक प्रयोग किया.
उन्होंने समान आकार की एक लोहे की और एक लकड़ी की गेंद मीनार की ऊंचाई से नीचे गिराई. लोग यह देखकर हैरान हो गए कि दोनो गेंद एक साथ जमीन पर गिरीं.
इसी के साथ गैलीलियो ने अरस्तू के सदियों पुराने सिद्धांत को गलत साबित कर ग्रैविटी का नया नियम प्रतिपादित किया.