राम मंदिर के मुख्य पुजारी को मिलता है इतना वेतन, सेवा में बीते 31 साल

20 Jan 2024

22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक भव्य आयोजन होने जा रहा है. इस बीच लोग राम मंदिर की अलग-अलग जानकारी सर्च कर रहे हैं. आइये जानते हैं राम मंदिर के मुख्य पुजारी के बारे में.

83 वर्षीय आचार्य सत्येंद्र दास, राम मंदिर के मुख्य पुजारी हैं. वे करीब 31 साल से मंदिर के मुख्य पुजारी के पद पर हैं.

कौन हैं राम मंदिर के मुख्य पुजारी?

फरवरी 1992 में जब विवादित स्थल होने के वजह से राम जन्मभूमि की जिम्मेदारी जिला प्रशासन के पास गई तो वहां पुराने पुजारी महंत लालदास को हटाए जाने की चर्चाएं थीं.

कैसे मिला था ये पद?

एक अन्य इंटरव्यू में आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया था कि उस समय भाजपा सांसद विनय कटियार, विश्व हिंदू परिषद के कुछ नेता, जिसमें विहिप के तत्कालीन प्रमुख अशोक सिंघल की सहमति से 1 मार्च 1992 को उनकी नियुक्ति हुई थी.

1 मार्च 1992 को हुई थी नियुक्ति

सत्येंद्र दास बताते हैं कि उन्होंने यहां 1975 में संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री हासिल की थी.

आचार्य की है डिग्री

इसके बाद 1976 में उन्हें अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में व्याकरण विभाग में सहायक अध्यापक की नौकरी मिल गई थी.

शिक्षक थे मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास

1992 में जब नियुक्ति हुई थी, तब आचार्य सत्येंद्र दास का वेतन 100 रुपये महीने था. साल 2018 तक केवल 12 हजार मासिक मानदेय उन्हें मिलता था.

कितना मिलता है वेतन?

अब राम मंदिर ट्रस्ट ने रामलला के पुजारियों और कर्मचारियों का वेतन बढ़ा दिया है. मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की सैलरी 15520 रुपए से बढ़कर अब 25000 रुपये कर दी गई है.

वहीं चार सहायक पुजारी की सैलरी 8940 रुपये से बढ़ाकर 20000 रुपये, कोठरी, भंडारी का वेतन 8000 रुपये से 15000 रुपये और भृत्य का वेतन 8870 रुपये से 15000 रुपये कर दी गई है.