आंबेडकर की सबसे अच्छी दोस्त थीं किताबें... साबित करती हैं ये बातें
By Aajtak Education
14 April 2023
दिल्ली यूनिवर्सिटी की ज्वॉइंट प्रॉक्टर और अंबेडकरवादी चिंतक प्रो. गीता सहारे बताती हैं कि बाबा साहेब का पहला प्यार तो उनकी किताबें ही थीं.
उनकी पर्सनल लाइब्रेरी में ही 35000 से ज्यादा किताबें थीं. उनकी ये खास बात थी कि वो अपनी किताबें किसी को देते नहीं थे.
अगर किसी ने किताब मांगी तो वो कहते थे कि आपको पढ़ना है तो लाइब्रेरी में बैठकर पढ़िए. वह अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा किताबों पर खर्च करते थे.
वो अक्सर ऐसी जगह से किताबें खरीदते थे जहां से पुरानी किताबें कम से कम दामों में मिल जाएं. वो जब भी बाजार जाते, तो ढेरों किताबें खरीद लाते थे.
वो जहां भी जाते थे, उनके हाथ में कुछ किताबें होती थीं, सफर से लेकर, अकेलेपन में वो बस पढ़ते ही रहते थे. वो रात भर पढ़ते थे. सुबह चार बजे सोते थे.
बताते हैं कि धीरे धीरे सेहत में इसका असर होने लगा था. उनकी निजी जिंदगी बहुत संघर्ष भरी रही लेकिन किताबों से उनकी दोस्ती कभी कम नहीं हुई.
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