उत्तर भारत का कथक तो केरल का कथकली...किस प्रदेश का कौन सा डांस फेमस

25 Feb 2025

Credit: Meta

भारत में शास्त्रीय नृत्य केवल एक कला नहीं, बल्कि एक साधना है. यह नृत्य रूप नाट्यशास्त्र पर आधारित होते हैं और इनमें भाव, राग, ताल एवं मुद्राओं का गहन समन्वय देखने को मिलता है. 

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नृत्य में लय, ताल, भाव और गति का संयोजन होता है, जिससे यह एक सम्पूर्ण कला बनता है. 

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यह कला रूप हमारे अतीत से लेकर आधुनिक समय तक अनेक रूपों में विकसित हुआ है. तो चलिए आपको बताते हैं कौन से राज्य में कौन डांस फेमस है. 

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कहानी कहने की शैली जिसमें भाव-भंगिमा, पद संचालन और चक्कर महत्वपूर्ण होते हैं.

कथक (उत्तर भारत)

प्राचीनतम नृत्य शैली जिसमें भक्ति रस प्रधान होता है.

भरतनाट्यम (तमिलनाडु)

यह नृत्य नाटकीयता के लिए प्रसिद्ध है.

कुचिपुड़ी (आंध्र प्रदेश)

इसमें त्रिभंगी मुद्रा और कोमलता प्रमुख होती है.

ओडिसी (ओडिशा)

भक्ति प्रधान नृत्य जिसमें कोमलता और सौम्यता प्रमुख होती है.

मणिपुरी (मणिपुर)

यह मुखौटे और भव्य वेशभूषा वाला नाट्य प्रधान नृत्य है.

कथकली (केरल) 

असम के वैष्णव संप्रदाय से जुड़ा यह नृत्य भाव और भक्ति से भरपूर है.

सत्रिया (असम)

नवरात्रि में किया जाने वाला यह नृत्य डांडिया रास के साथ प्रसिद्ध है.

गरबा (गुजरात)

महिलाएं इसे समूह में घूँघट के साथ करती हैं.

घूमर (राजस्थान)

यह नृत्य फसल कटाई के समय किया जाता है.

बिहू (असम)

यह तेज गति और आकर्षक हाव-भाव से भरपूर होता है.

लावणी (महाराष्ट्र)

यह नाटकीय शैली का नृत्य नाटक के रूप में प्रस्तुत किया जाता है.

यक्षगान (कर्नाटक

बॉलीवुड डांस, हिप-हॉप, कंटेंपररी, सालसा और बैले जैसे नृत्य रूपों ने भी भारतीय मंच पर अपनी जगह बना ली है. आधुनिक नृत्य सिर्फ मनोरंजन ही नहीं, बल्कि फिटनेस और आत्म-अभिव्यक्ति का भी माध्यम बन चुके हैं.