19 Oct 2024
बिश्नोई समाज इन दिनों चर्चा में है. बिश्नोई समाज के प्रकृति प्रेम की काफी बात की जा रही है.
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दरअसल, बिश्नोई प्रकृति प्रेम के लिए जाना जाता है. ये वो ही समाज है, जिनकी महिलाएं हिरण को भी दूध पिलाती हैं. (AI Image)
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बिश्नोई समाज का नाम गुरू जंभेश्वर के 29 नियमों से आया है, जिसमें प्रकृति प्रेम और नशा ना करने की शिक्षा है. (AI Image)
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इंपीरियल गजेटियर ऑफ इंडिया के अनुसार, बिश्नोई समाज के लोग अपने परिजनों के शव को जलाते नहीं हैं. (AI Image)
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वे अपने परिजनों का अंतिम संस्कार पार्थिव देह को जमीन में गाड़कर करते हैं. (AI Image)
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द ट्राइब्स एंड कास्ट्स ऑफ द सेंट्रल प्रोविंसेज ऑफ इंडिया में कहा गया है कि विश्नोई समाज के लोग अंतिम संस्कार के बाद वहां खाना खाते हैं.
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कहा जाता है कि विश्वोई प्रकृति से प्रेम करते हैं, ऐसे में चिता के लिए लकड़ी का इस्तेमाल नहीं करते हैं.
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